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चुनाव,एग्जाम,जनसभाएं,जश्न सब हो रहे फिर फौज की भर्ती क्यों रुकी पड़ी है, बताए केंद्र सरकार

By अखण्ड भारत

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If there is no recruitment, the loss will be not only for the youth, but also for the country: Indradutt Lakhanpal

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भर्ती नहीं होगी तो नुक्सान केवल युवाओं का नहीं, देश का भी होगा: इन्द्रदत्त लखनपाल

हमीरपुर: विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अढाई वर्ष से हमारी फ़ौज में भर्ती नहीं हुई है। हर वर्ष 50 से 60 हज़ार फौजी सेवानिवृत्त होकर घर आते हैं। इनकी भरपाई हर रेजिमेंट को तुरंत चाहिए होती है। ऐसे में अढाई वर्ष के अंदर देश के फौजी भाइयों पर अतरिक्त कार्य का दबाव बढ़ रहा है। वर्तमान मे डेढ़ लाख पद रिक्त हैं। युवा जो फ़ौज में भर्ती होने के लिए दिन रात पसीना बहा कर तैयारी करते हैं, उनके साथ सोचिये क्या बीत रही होगी। फ़ौज की नौकरी एक नौकरी नहीं बल्कि वर्दी का एक जूनून होता है और केवल जुनूनी लोग ही देशसेवा के शिखर पर रखी ओजस्वी नौकरी को प्राप्त कर पाते हैं। यदि इसी प्रकार से 3 – 3 वर्ष तक भर्ती नहीं होगी तो नुक्सान केवल युवाओं का नहीं, देश का भी होगा।

चुनाव,एग्जाम,जनसभाएं,जश्न सब हो रहे फिर फौज की भर्ती क्यों रुकी पड़ी है, बताए केंद्र सरकार

सरकार ने चुनाव करवा लिए , बच्चों के एग्जाम करवा लिए , जनसभाओं को संबोधित कर लिया , जीत के जश्न मना लिए लेकिन भर्ती नहीं करवा पाए क्यूंकि कोरोना था। इन झूठे राष्ट्रभक्तों को मेजर जनरल यश मोर की बातें बहुत चुभेंगी, लेकिन सुननी चाहिए। हमारे देश की फ़ौज हिन्द की फ़ौज है किसी की बपौती नहीं। जिस तरह से भर्ती क्रमबद्ध तरीके से हुआ करती थी उसी तरह से की जाए। इस सम्बन्ध में मैं युवा कांग्रेस के साथ मिल कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी ज़रूर सौंपूँगा।

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