कालाअंब, हरिपुर खोल, जलमूसा का खाला, संगड़ाह, धारटीधार, पच्छाद, शिलाई व मातर भेडों के क्षेत्रों में नदियों व नालों पर दो-दो स्थान चिन्हित करें तथा उन स्थानों पर जल संरक्षण हेतु कार्य
नाहन: जल शक्ति अभियान के अंतर्गत जिला सिरमौर में नदियों और नालों में बरसात के दौरान जल संरक्षण के लिए 21 अप्रैल से पहले अधिकारी कार्य योजना तैयार करना सुनिश्चित करें। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर रामकुमार गौतम ने आज जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। अभियान के तहत नदियों व नालों के किनारों पर चेक डेम और अन्य वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। जिसका उद्देश्य नदियों के वर्षा जल को संरक्षित कर, नदी नालों के जल को एकत्र करके, भूमि के जल स्तर को बढ़ाना तथा अतिरिक्त पानी को सिंचाई व अन्य उपयोग में लाना है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में जल के परंपरागत स्रोतों जैसे तालाबों, बावड़ियों इत्यादि सेे संबंधित आंकड़े एकत्रित करें तथा मानसून से पहले 15 जून तक इस अभियान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य को जल शक्ति अभियान एप पर अपलोड करना सुनिश्चित करें।
कालाअंब, हरिपुर खोल, जलमूसा का खाला, संगड़ाह, धारटीधार, पच्छाद, शिलाई व मातर भेडों के क्षेत्रों में नदियों व नालों पर दो-दो स्थान चिन्हित करें तथा उन स्थानों पर जल संरक्षण हेतु कार्य योजना 21 अपै्रल, 2022 तक तैयार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग के वृत कार्यालय नाहन में जल शक्ति केंद्र स्थापित किया गया है। जहां लोगों को जल संरक्षण संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को जानकारी देने के लिए जल शक्ति केंद्र में और अधिक सुविधाएं प्रदान की जाए ताकि अधिक से अधिक लोग जल संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत नदी-नालों के आसपास तथा भू-जल स्तर की कमी वाले क्षेत्रों में मानसून के दौरान ऐसे पौधे रोपित किए जाएंगे, जो भू-जल स्तर को बढ़ाने में सहायक होगे।