Shillai : शहीद प्रमोद नेगी की दूसरी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि, विद्यालय के नामकरण और प्रतिमा स्थापना की उठी मांग

By Sandhya Kashyap

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Shillai : 5 मई 2023 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी घाटी में पाई थी शहादत 

Shillai (सिरमौर), 5 मई 2025 — हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत और 9 पेरा स्पेशल फोर्स के बहादुर कमांडो शहीद प्रमोद नेगी की दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर Shillai में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रांगण में एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल एक शहीद को नमन करने का प्रतीक था, बल्कि युवाओं को उनके साहस और देशभक्ति से प्रेरणा लेने का भी संदेश देता रहा।

शहीद प्रमोद नेगी: एक संक्षिप्त परिचय

15 अगस्त 1997 को जन्मे प्रमोद नेगी, Shillai (सिरमौर) के मूल निवासी थे। वे बचपन से ही सेना में जाकर देशसेवा करने का सपना देखा करते थे। इस सपने को उन्होंने सच कर दिखाया जब वे भारतीय सेना की सबसे विशिष्ट और चुनौतीपूर्ण यूनिट 9 पेरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा बने।

5 मई 2023 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी घाटी में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए प्रमोद नेगी वीरगति को प्राप्त हुए। उनके इस अद्वितीय साहस और सर्वोच्च बलिदान ने न केवल उनके परिवार, गांव और राज्य बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया।

श्रद्धांजलि समारोह की झलक

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक आयुक्त अभिषेक सिंह ठाकुर रहे, जिन्होंने समारोह की शुरुआत शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की। उनके साथ मंच पर विद्यालय की प्रधानाचार्य रंमा शर्मा, भूतपूर्व सैनिक संगठन Shillai के वरिष्ठ सदस्य कैप्टन (सेवानिवृत्त) वीरेंद्र तोमर, प्रधान ग्राम पंचायत शिलाई, शहीद प्रमोद नेगी के माता-पिता देवेंद्र नेगी और तारा देवी, बहन मनीषा नेगी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, युवा और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि ने अपने प्रेरणादायक भाषण में कहा

“शहीद प्रमोद नेगी जैसे जवानों की वीरता और समर्पण ही देश को सुरक्षित रखे हुए है। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श है। हम सबका कर्तव्य है कि हम उनकी शहादत को हमेशा याद रखें और उनके नाम को अमर बनाएं।”

विद्यालय का नामकरण और प्रतिमा स्थापना की घोषणा

अभिषेक सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम के दौरान यह भी आश्वासन दिया कि शहीद प्रमोद नेगी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए वे विद्यालय का नाम शहीद प्रमोद नेगी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रखने हेतु प्रशासनिक स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगे। इसके साथ-साथ विद्यालय परिसर में शहीद की प्रतिमा स्थापित करने के लिए भी उन्होंने व्यक्तिगत और प्रशासनिक सहयोग का वादा किया, जिसे सुनकर पूरे क्षेत्र में गर्व और आभार की भावना उमड़ पड़ी।

सम्मान और योगदान

कार्यक्रम में शहीद के माता-पिता को भूतपूर्व सैनिक संगठन Shillai, विद्यालय की प्रधानाचार्य, और ग्राम पंचायत Shillai की ओर से विशेष सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के साथ क्षेत्रवासियों ने उनके बलिदान को नमन करते हुए गहरी संवेदना और गौरव व्यक्त किया।

इस अवसर पर क्षेत्र के कई वरिष्ठ पूर्व सैनिक जैसे सेवानिवृत्त कैप्टन बीरेंद्र तोमर, इंस्पेक्टर दिनेश चौहान, नायब सूबेदार पूर्ण नेगी, पूर्व हवलदार बहादुर सिंह, दीप चंद, जवाहर देसाई, देवेन्द्र देसाई, जीवन सिंह, और रमेश तोमर सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

युवाओं की भागीदारी और बाइक रैली

कार्यक्रम का सबसे प्रेरणादायक क्षण वह था जब Shillai के युवाओं ने बाइक रैली निकाल कर शहीद प्रमोद नेगी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह रैली पूरे क्षेत्र में घूमी और लोगों को देशभक्ति और शहादत के महत्व का संदेश देती रही। 

युवाओं ने तिरंगा लेकर ‘भारत माता की जय’, ‘शहीद प्रमोद अमर रहें’ जैसे नारे लगाए, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति से भर उठा।

धाम और सामूहिक भोजन का आयोजन

कार्यक्रम के अंत में शहीद के परिजनों ने भंडारे (धाम) का आयोजन किया जिसमें सभी उपस्थित अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, ग्रामीणों और छात्रों ने भाग लिया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एकजुटता और सामुदायिक श्रद्धांजलि का प्रतीक बन गया।

समाज और प्रशासन से अपेक्षाएँ

स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए यह भी माँग उठाई कि शहीद प्रमोद नेगी के बलिदान को स्थायी रूप से स्मरणीय बनाने के लिए:

स्थानीय स्कूल या सड़क का नाम उनके नाम पर रखा जाए।

राजकीय सम्मान के साथ हर वर्ष उनकी शहादत दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया जाए।

युवा प्रेरणा केंद्र की स्थापना की जाए, जो शहीद प्रमोद की तरह युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित करे।

अंतिम विचार

शहीद प्रमोद नेगी की दूसरी पुण्यतिथि पर शिलाई में आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक श्रद्धांजलि समारोह नहीं था, यह देश के प्रति कर्तव्य, सम्मान और प्रेरणा की एक मिसाल बन गया। ऐसे वीरों की याद दिलाती है कि हमारी आज़ादी और सुरक्षा के पीछे कितने अनगिनत बलिदानों की कहानियाँ छिपी हैं।

शहीद प्रमोद नेगी की वीरता और त्याग को देश कभी नहीं भूलेगा। वे हमेशा हमारी स्मृतियों में जीवित रहेंगे

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