मोलडोवा की बॉर्डर भी भारतीयों के लिए खुली: सिंधिया
अखण्ड भारत टीम/दिल्ली:- रूस का यूक्रेन माहायुद्ध लगातार 7वें दिन भी जारी है। इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ में वायुसेना भी शामिल हो गई है। वायुसेना का ट्रांसपोर्ट विमान C-17 बुधवार सुबह 4 बजे हिंडन एयरबेस से रवाना हुआ। यह विमान रोमानिया पहुंचेगा। माना जा रहा है कि अपनी पहली उड़ान में ही 400 से ज्यादा भारतीय छात्रों को यह विमान एयरलिफ्ट करके बुधवार शाम तक भारत ला सकता है।
उधर, ऑपरेशन गंगा की निगरानी के लिए रोमानिया के बुखारेस्ट पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वहां इंतजार कर रहे भारतीयों से बात की। वे रोमानिया और मोलडोवा के राजदूत से भी मिले। सिंधिया ने बताया कि मोलडोवा की बॉर्डर भी भारतीयों के लिए खोल दी गई है। वहां पहुंचने वाले भारतीयों के ठहरने का भी इंतजाम कर दिया गया है।
ऑपरेशन गंगा के तहत रात 1.30 बजे यूक्रेन में फंसे 218 भारतीयों को लेकर एअर इंडिया की फ्लाइट बुखारेस्ट से दिल्ली पहुंची। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली एयरपोर्ट पर छात्रों का स्वागत किया। आज कुल 7 फ्लाइट्स यूक्रेन के आसपास के देशों से भारतीयों को लेकर स्वदेश पहुंचेंगी।
मंगलवार शाम इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की थी। इसी में वायु सेना से मदद लेने का फैसला लिया गया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि पीएम ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए 3 दिनों में 26 फ्लाइट्स भेजने का फैसला किया है। भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा पोलैंड और स्लोवाक के एयरपोर्ट का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
श्रृंगला ने बताया कि हमारे सभी नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है। हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक कीव में हमारे और नागरिक नहीं हैं। वहां से हमें किसी ने संपर्क नहीं किया है। हमने जब अपनी पहली एडवाइजरी जारी की थी उस समय यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्र थे। तब से लगभग 12,000 छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं। बाकी बचे 40% छात्रों में से लगभग आधे संघर्ष क्षेत्र में हैं और आधे यूक्रेन की पश्चिमी बॉर्डर पर पहुंच गए हैं या उसकी तरफ बढ़ रहे हैं।
श्रृंगला ने आगे बताया कि हमने सभी नागरिकों को कीव से बाहर निकलने की सलाह दी थी। वे हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया, पोलैंड और मोल्दोवा की ओर जा सकते हैं। 7700 नागरिक इन मार्गों से निकल चुके हैं, 2000 वापस आ गए हैं और 4 से 5 हजार लोग फ्लाइट्स के इंतजार में हैं।