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Jairam Thakur ने उठाया सवाल उद्योगों के पीछे क्यों पड़ी है सरकार, मुख्यमंत्री साफ़ करें अपनी मंशा

By Sandhya Kashyap

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Jairam Thakur : सत्ता में आते ही उद्योगों पर तरह-तरह के दबाव बनाकर क्या संदेश देना चाहती है सरकार

शिमला: नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने शिमला से जारी बयान में सुक्खू सरकार की उद्योगों को परेशान करने की नीति की निंदा करते हुए कहा कि सत्ता में आने के दिन से ही सरकार प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को टारगेट कर रही है। उद्योगपतियों को डरा-धमका रही है। अपनी नीतियों से उन्हें परेशान कर रही है। ऐसे-ऐसे निर्णय भी कर रही है जो पूरी तरह से असंवैधानिक हैं और हाईकोर्ट उन्हें पलट भी रही है।

Jairam Thakur ने उठाया सवाल उद्योगों के पीछे क्यों पड़ी है सरकार, मुख्यमंत्री साफ़ करें अपनी मंशा

सुक्खू सरकार के मंत्रियों और स्वयं मुख्यमंत्री को भी इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी मंशा क्या है? इसके पीछे उद्योगों पर किसी प्रकार का दबाव बनाना तो नहीं है। किसी तरह के भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना तो नहीं है। इस तरह के कृत्यों से न तो प्रदेश का भला है और न ही प्रदेश के लोगों का भला होने वाला है। आज सरकार ने उद्योगों को इस स्थिति में ला दिया है कि वह शट डाउन करके अपना विरोध दर्ज करवाने की योजना बना रहे हैं। शट डाउन के कारण प्रदेश की आर्थिकी को होने वाले नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा? शट डाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के नुकसान की भरपाई कई करेगा।

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Jairam Thakur ने कहा कि सत्ता में आते ही प्रदेश की आर्थिकी में सहयोग देने वाले और रोजगार देने वाले उद्योग धंधे सरकार का पहला निशाना बने। सबसे पहले सरकार समर्थित माफियाओं ने उद्योगों को डराना धमकाना शुरू किया। जिसके कारण कई उद्योगों ने बाहर का रास्ता नाप लिया। जो। बड़े संस्थान थे और वह अचानक उठ कर नहीं जा सकते थे उन्होंने उद्योग मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की लेकिन कुछ नहीं हुआ तो उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री को इसकी लिखित में शिकायत की।

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सुरक्षा न दिए जाने पर उद्योगों ने पलायन करने का अल्टीमेटम भी दिया। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में जिस तरह की अपराधिक घटनाएं हुई वह हिमाचल के इतिहास में नहीं हुई। हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाली आपराधिक घटनाएं महज इत्तेफाक हैं या सत्ता संरक्षण में होने वाला प्रयोग इसे भी  सरकार को प्रदेश के लोगों बताना चाहिए।  

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नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने कहा कि माफिया के दबाव के बाद उद्योगों पर सरकारी नीतियों का दबाव डाला जा रहा हैं। सरकार द्वारा बिजली के दाम बढ़ा दिए गए। सेस को असंवैधानिक तरीके से बढ़ा दिया गया। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने सेस को बढ़ाने को असंवैधानिक बता दिया तो उद्योगों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छीन ली।  बिजली-पानी के दाम बढ़ाए गए। जिससे हालत और खराब हुए। सरकार इस तरह से उद्योगों को परेशान करके प्रदेश के की आर्थिकी को क्यों चोट पहुंचा रही है।

नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने कहा कि क्या हिमाचल ही उद्योगों के साथ रियासत कर रहा है? उद्योगों के साथ पूरी दुनिया में विभिन स्तर पर रियायत दी जाती है, जिससे औद्योगीकरण को गति मिले। जो प्रोत्साहन सरकार उद्योगों को देती है, उससे ज़्यादा उद्योगों से वापस भी मिलता है। प्रदेश की आर्थिकी सुधरती है।

विकास बढ़ता हैं। प्रत्यक्ष रोजगार के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार में भारी वृद्धि होती है। प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान पहुँचाने के पैंतरे से सरकार को बाज आए और उद्योगों को अनावश्यक परेशान करना बंद करे। उद्योग प्रदेश की आर्थिकी को समृद्ध करने का साधन हैं, सरकार में बैठे नेताओं के हितों का संरक्षण करने का नहीं।