Himachal : उद्योगों के पलायन से पड़ेगा रोजगार पर गहरा असर
जहां एक तरफ Himachal सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रही है वहीं दूसरी तरफ़ बिजली में बढ़ोतरी के कारण सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब और कालाअम्ब से कई उद्योगों ने पलायन करने का अंतिम निर्णय लिया है जो रोजगार प्रभावित कर सकता है । हजारों स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उद्योगों से रोजगार मिल रहा है। इनके पलायन करने से बेरोजगारी भी बढ़ेगी।
उद्यमियों ने बताया कि Himachal प्रदेश में उद्योग सिर्फ एक सस्ती बिजली दरों की वजह से टिके हुए हैं। लेकिन अब बिजली की दरों में ऐतिहासिक वृद्धि करके सरकार ने उद्योगों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया है।
Himachal में 85 प्रतिशत उद्योगों का कच्चा माल बाहरी राज्यों से आ रहा है और तैयार माल भी बाहरी राज्यों को जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में उन्हें मात्र एक बिजली बाकी राज्यों से सस्ती मिल रही थी। बहरहाल, जब बिजली उत्पादक राज्य हिमाचल में बिजली की दरें दूसरे राज्यों के मुकाबले या उससे भी अधिक कर दी गई हैं तो सवाल यह उठता है कि यहां उद्योग संचालन करने का क्या फायदा है।
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उद्यमी उन राज्यों की ओर ही पलायन करेंगे जहां उनको उत्पादन लागत कम पड़ेगी। बाजारी प्रतिस्पर्धा में उत्पादन लागत का बहुत फर्क पड़ता है। चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष दीपन गर्ग और लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विकास बंसल ने बताया कि कालाअंब के उद्यमी बिजली कटौती से पहले ही परेशान हैं।
बिजली के बार बार कट लगने से उत्पादन लागत बढ़ रही है। उत्पादन लागत बढ़ने से उत्पाद की कीमतें प्रभावित हो रही हैं। बाजारी प्रतिस्पर्धा में कालाअंब के उद्योग पिछड़ रहे हैं। स्थानीय विद्युत सब स्टेशनों को अपग्रेड करने के लिए सरकार, विधायक और विभाग से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि न विद्युत आपूर्ति सही और न बिजली सस्ती, सड़कें बदहाल, कच्चे माल और तैयार माल के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर उद्यमी यहां उत्पादन करने की अपेक्षा पलायन ही करेगा।