दिल्ली में हाल ही में हुई एक दुखद घटना के बाद, तीन छात्रों की मौत के कारण, नगर निगम दिल्ली (MCD) ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। यह हादसा राव IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में पानी घुस जाने के कारण हुआ था। सोमवार को, MCD ने नेहरू विहार के वर्धमान मॉल के बेसमेंट में स्थित विज़न कोचिंग सेंटर को सील कर दिया।
आज सुबह तक कार्रवाई जारी रही, जिसमें लगभग 13 कोचिंग सेंटरों को सील किया गया। इनमें IAS गुरुकुल, चहल अकादमी, प्लूटस अकादमी, साई ट्रेडिंग, IAS सेतु, टॉपर्स अकादमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली IAS, करियर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस IAS, और ईज़ी फॉर IAS शामिल हैं। ये सभी सेंटर बेसमेंट में चल रहे थे, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इन सेंटरों पर नोटिस चिपकाए गए हैं। MCD ने पिछले साल मुखर्जी नगर में हुई बड़ी आग की घटना के बाद ऐसे केंद्रों का सर्वेक्षण किया था।
दिल्ली पुलिस ने PTI स्रोतों के हवाले से बताया कि वे MCD अधिकारियों से नालों की सफाई और राव IAS स्टडी सर्कल को दी गई नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के बारे में सवाल कर सकते हैं। इस सेंटर के बेसमेंट को लाइब्रेरी के रूप में उपयोग किया जा रहा था और वहां बायोमेट्रिक सिस्टम था।
पुलिस का आरोप है कि राव IAS कोचिंग सेंटर के पास की ड्रेनेज सिस्टम सही से काम नहीं कर रही थी, जिससे बारिश का पानी बेसमेंट में चला गया। इस घटना की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं और एक FIR दर्ज की गई है। राव IAS स्टडी सर्कल के मालिक और संयोजक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर गैर इरादतन हत्या सहित अन्य अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। उन्हें तिहाड़ जेल में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
इस घटना के बाद, दिल्ली के अन्य कोचिंग सेंटरों में भी डर और चिंता का माहौल है। छात्रों और उनके अभिभावकों में भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम दिल्ली ने इस घटना के बाद से कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा और नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और छात्रों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न किया जाए। नगर निगम दिल्ली और अन्य संबंधित विभागों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि छात्रों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।