बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण हिंसा भड़क उठी है। इस हिंसा में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार रात से देशभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। राजधानी ढाका सहित कई शहरों में लोग इंटरनेट सेवा के बंद होने की समस्या से जूझ रहे हैं।
टेलीकम्युनिकेशन और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री जूनायेद अहमद पलक ने इस बात की पुष्टि की है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाकर स्थिति को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। इसी कारण से हमने मोबाइल इंटरनेट बंद करने का फैसला किया है।” हालांकि, इंटरनेट बंद करने से पहले कोई घोषणा नहीं की गई थी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को आरक्षण विरोधी आंदोलनकारियों द्वारा ‘सर्वात्तक अवरोध’ कार्यक्रम के दौरान देशभर में हिंसा और संघर्ष हुआ। इसके कारण सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार की अफवाहें फैल गईं। यहां तक कि मुख्यधारा की मीडिया का एक हिस्सा भी इन अफवाहों से प्रभावित हो गया है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
मोबाइल इंटरनेट सेवाएं कितने समय तक बंद रहेंगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, राज्य मंत्री जूनायेद अहमद पलक ने उम्मीद जताई है कि स्थिति नियंत्रण में आने के बाद सेवाएं सामान्य हो जाएंगी। इस घटना ने इंटरनेट सुरक्षा और स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है। कई लोगों का मानना है कि इंटरनेट बंद करके समस्या का समाधान नहीं हो सकता। बल्कि, इससे जनता में और अधिक रोष बढ़ेगा।