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Sirmaur : भाव का भूखा है भगवान, नहीं चाहिए धन और सोना-: ज्ञानानन्द जी महाराज 

By Sandhya Kashyap

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Sirmaur : पहले दिन कलश यात्रा का आयोजन 

Sirmaur जनपद के राजपुर कांगड़ा में आज  राजपुर के दाना खाले से लेकर 8 दिवसीय भागवत कथा में आज कलश यात्रा निकाली गई जिसमें राजपुर कांगड़ा गांव के अतिरिक्त संपूर्ण इलाके के महिलाओं और पुरुषों  ने भाग लिया।

Sirmaur : भाव का भूखा है भगवान, नहीं चाहिए धन और सोना-: ज्ञानानन्द जी महाराज 

इसका आयोजन  राजपुर  कांगड़ा मार्ग पर फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के नजदीक  किया जा रहा है जिसमें  ढोली ढांग आश्रम के संस्थापक पूज्य ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 पूर्णानंद के परम शिष्य ज्ञानानंद महाराज जी अपने प्रवचनों से निहाल कर रहें है। 

आज पहले दिन के प्रवचनों में उन्होंने बताया भागवत कथा का अर्थ ज़ो माता पिता की सेवा करे, गौ माता की सेवा करे, वहीं भागवत है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने वालों लोगों ने पूर्व में अच्छे, सत्कर्म किए होते हैं। उन्होंने बताया कि  भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप खत्म हो जाते है.इसलिए जहाँ भी भागवत कथा का हो रही हो तो निमंत्रण बिना भी रसपान कर लेना चाहिए।  यह कलयुग में मोक्ष को प्राप्ति के लिए सबसे सुगम मार्ग है।

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गौरतलब है कि Sirmaur राजपुर पंचायत में अभी तक इतनी बड़ी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसका अयोजन पूर्ण भगत, अमरनाथ महात्यागी और समस्त गांव वालों के सहयोग से किया जा रहा है। इनके गांव जिसके पहले दिन हजारों की संख्या लोगों की भीड़ जुटी।

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Sirmaur : भाव का भूखा है भगवान, नहीं चाहिए धन और सोना-: ज्ञानानन्द जी महाराज 

भागवत रस का पान करने के बाद सभी भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई है। जो 8 जुलाई से 16 जुलाई तक रोज शाम को 5 बजे होगा। इन सबके प्रयासों के कारण ही समूचा क्षेत्र के लोग आज भक्तिमय हो रहे हैं। इसके पहले इतना बड़ा अयोजन नही हुआ है।