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Ayurved : डॉ चंचल शर्मा : बीमारी, जो माँ बनने के मार्ग में रुकावट पैदा करके बढ़ा सकती है गर्भपात का खतरा

By Sandhya Kashyap

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Ayurved उपचार के द्वारा डाइट, थेरेपी, योग के माध्यम से पा सकते हैं छुटकारा भारतीय महिलाओं में कुपोषण का खतरा बढ़ता जा रहा है और पोषक तत्वों की कमी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं उसी कड़ी में गर्भाशय से जुडी बीमारी भी शामिल है जो एक महिला ...

विस्तार से पढ़ें:

Ayurved उपचार के द्वारा डाइट, थेरेपी, योग के माध्यम से पा सकते हैं छुटकारा

भारतीय महिलाओं में कुपोषण का खतरा बढ़ता जा रहा है और पोषक तत्वों की कमी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं उसी कड़ी में गर्भाशय से जुडी बीमारी भी शामिल है जो एक महिला के माँ बनने के मार्ग में बाधक हो सकती है और गभधारण के बाद गर्भपात का खतरा भी बढ़ा सकती है। ऐसी ही एक बीमारी है uterus cyst. 

Ayurved : डॉ चंचल शर्मा : बीमारी, जो माँ बनने के मार्ग में रुकावट पैदा करके बढ़ा सकती है गर्भपात का खतरा

Uterus Cyst :

यह गर्भाशय की एक ऐसी बीमारी है जिसमें महिला के यूट्रस में गाँठ या रसोली बन जाती है जिसकी वजह से किसी महिला को गर्भधारण में परेशानी होती है और कई बार गर्भपात होने का भी खतरा बना रहता है। यह बीमारी आजकल निःसंतानता से जुड़ी किसी भी समस्या में सबसे ऊपर है। रसौली का अर्थ है महिला के गर्भाशय में सिस्ट या ट्यूमर। यह बीमारी महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को प्रभावित करती है और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के साथ निःसंतानता की सम्भावना भी बढ़ा देती है। 

Uterus cyst के कारण :

यह बीमारी प्रायः अनुवांशिक होती है यानि अगर किसी महिला के घर में उसकी माँ, बुआ आदि में से किसी को यह बीमारी रही है तो संभवत यह आपको भी परेशान कर सकती है। 

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खान पान में लापरवाही बरतना भी इसका एक कारण है। आजकल ज्यादातर महिलाएं व्यस्त जीवनशैली के कारण सही ढंग से पोषक तत्वों का सेवन नहीं कर पाती हैं और न ही शारीरिक रूप से एक्टिव हैं जिसकी वजह से वो बहुत सी बिमारियों का शिकार हो जाती हैं, गर्भाशय में गांठ का बनना आपके भविष्य के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है इसलिए संतुलित आहार का सेवन करके इससे बचने की कोशिश करें। 

Ayurved : डॉ चंचल शर्मा : बीमारी, जो माँ बनने के मार्ग में रुकावट पैदा करके बढ़ा सकती है गर्भपात का खतरा
Dr. Chanchal Sharma

मोटापा आधुनिक युग का सबसे बड़ा अभिशाप है। यह सामन्य सी दिखने वाली बात आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही भयंकर बीमारी का बुलावा हो सकता है इसलिए अपने वजन को नियंत्रित करने की कोशिश करें। निःसंतानता से जुडी समस्या का एक प्रमुख कारण मोटापा भी है। 

Uterus cyst के लक्षण :

सामान्य तौर पर गर्भाशय में गांठ होने पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है इसलिए बिना अल्ट्रासाउंड के इस बीमारी का पता लगा पाना मुश्किल है लेकिन कुछ महिलाओं में इसके निम्न लक्षण दिखाई देते हैं –

पेट के निचले हिस्से, पैर और कमर में दर्द होना। 

पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक ब्लीडिंग होना। 

पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले से रक्त के धब्बे का गिरना। 

सेक्स के दौरान असहनीय दर्द महसूस करना।

खून की कमी, थकान और कमजोरी महसूस करना। 

Ayurved : डॉ चंचल शर्मा : बीमारी, जो माँ बनने के मार्ग में रुकावट पैदा करके बढ़ा सकती है गर्भपात का खतरा

Uterus cyst के कारण गर्भधारण में होने वाली समस्या :

जब किसी महिला के गर्भाशय में गाँठ बन जाती है तो वहां भ्रूण के विकसित होने के लिए जगह कम बचती है और ऐसी स्थिति में भ्रूण तक आवश्यक पोषक तत्व तथा ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुँच पाता है और इसके कारण महिला में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। 

आशा Ayurved की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा बताती है कि Uterus cyst की स्थिति में आपको सीधा अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्यंकि बिना अल्ट्रासाउंड के इसका पता लगाना मुश्किल है। एक बार बीमारी का पता लग जाने के बाद Ayurved उपचार के द्वारा डाइट, थेरेपी, योग आदि के माध्यम से इससे छुटकारा पा सकते हैं इसलिए ज्यादा परेशान होने की बात नहीं है।