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Sirmaur : माता बाला सुंदरी त्रिलोकपुर मेला 9 से 23 अप्रैल तक, नमक की बोरी में आई थी माता

By Sandhya Kashyap

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DC Sirmaur : माता बाला सुंदरी मेले के आयोजन के सभी आवश्यक प्रबंध पूर्ण महामाया बाला सुंदरी का भव्य मंदिर Sirmaur जिला मुख्यालय नाहन से करीब 22 किलोमीटर दूर त्रिलोकपुर नामक स्थल पर विराजमान है। त्रिलोकपुर का नाम तीन शक्ति मंदिरों से निकला है जिनमें मां ललिता देवी, बाला संुदरी ...

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DC Sirmaur : माता बाला सुंदरी मेले के आयोजन के सभी आवश्यक प्रबंध पूर्ण

महामाया बाला सुंदरी का भव्य मंदिर Sirmaur जिला मुख्यालय नाहन से करीब 22 किलोमीटर दूर त्रिलोकपुर नामक स्थल पर विराजमान है। त्रिलोकपुर का नाम तीन शक्ति मंदिरों से निकला है जिनमें मां ललिता देवी, बाला संुदरी और त्रिपुर भैरवी शामिल हैं। मां बाला सुंदरी Sirmaur जिला के अलावा साथ लगते हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड आदि विभिन्न क्षेत्रों की भी अधिष्ठात्री देवी है। 

Sirmaur : माता बाला सुंदरी त्रिलोकपुर मेला 9 से 23 अप्रैल तक, नमक की बोरी में आई थी माता

*देवबन्द से नमक की बोरी में त्रिलोकपुर आई माता बालासुंदरी* 

लोक गाथा के अनुसार महामाई बालासुंदरी उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर के देवबंद स्थान से नमक की बोरी में त्रिलोकपुर आई थी। लाला रामदास त्रिलोकपुर स्थान में नमक का व्यापार करते थे और उन्हीं की नमक की बोरी में महामाई 1573 ई. में त्रिलोकपुर पधारी थीं।  कहा जाता है कि लाला रामदास ने देवबंद से जो नमक लाया था, उसे अपनी दुकान में बेचने के बाद भी बोरी से नमक कम नहीं हुआ। इस पर लाला राम दास अचंभित हुये। लाला राम दास त्रिलोकपुर में नित्य प्रति उस पीपल को जल अर्पित करके पूजा करते थे। एक रात्रि महामाया बालासुंदरी लाला रामदास के सपने में आई और उन्हें दर्शन देते हुए कहा कि-‘‘मैं तुम्हारी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हॅूं। मैं इस पीपल के नीचे पिंडी रूप में स्थापित हो गई हूं। तुम इस स्थल पर मेरा मंदिर बनवाओ।’’लाला जी को मंदिर निर्माण की चिंता सताने लगी। उन्होंने इतने बड़े भवन के निर्माण के लिये धनाभाव तथा सुविधाओं की कमी का महसूस करते हुए माता की अराधना की।  

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*सिरमौर नरेश प्रदीप प्रकाश ने बनवाया माता बालासुंदरी का मंदिर*  

इसी बीच मां बालासुंदरी ने अपने भक्त की पुकार सुनते हुए राजा प्रदीप प्रकाश को स्वप्न में दर्शन देकर भवन निर्माण का आदेश दिया।राजा प्रदीप प्रकाश ने जयपुर से कारीगरों को बुलाकर तुरंत ही मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ करवा दिया। यह भवन निर्माण सन 1630 में पूरा हो गया।  त्रिलोकपुर मंदिर क्षेत्र का एक सुप्रसिद्ध मंदिर है जहां साल भर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। मंदिर में विशेषकर नवरात्रों में मेले के दौरान हिमाचल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा उत्तराखंड से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिये आते हैं। मंदिर में पूजा-अर्चना करके देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं जिससे श्रद्धालुओं को एक अलग सी अनुभूति प्राप्त होती है।

त्रिलोकपुर में वर्ष में दो बार मेला लगता है जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। चैत्र तथा आश्विन नवरात्रों में ये मेले लगते हैं। चैत्र माह में लगने वाले मेले को बड़ा मेला और अश्विन माह में लगने वाले मेले को छोटा मेला कहा जाता है।   इस बार चैत्र नवरात्र मेला 09 अप्रैल से 23 अप्रैल 2024 तक धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।

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DC Sirmaur माता बाला सुंदरी मेले के आयोजन के सभी आवश्यक प्रबंध पूर्ण

उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध बाला सुंदरी चैत्र नवरात्र मेला त्रिलोकपुर इस बार 9 अप्रैल से 23 अप्रैल 2024 तक श्रद्धा पूर्वक आयोजित किया जा रहा है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। मेले के आयोजन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध पूरे कर लिये गये हैं।    

Sirmaur : माता बाला सुंदरी त्रिलोकपुर मेला 9 से 23 अप्रैल तक, नमक की बोरी में आई थी माता
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उपायुक्त Sirmaur सुमित खिमटा ने यह जानकारी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि माता बालासुंदरी मेला 9 अप्रैल मंगलवार से प्रारम्भ होगा और 23 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं वहीं पर श्रद्धालुओं को पेयजल, शौचालय और स्वास्थ्य सुविधायें भी उपलब्ध करवाई जायेंगी।   

DC Sirmaur सुमित खिमटा ने बताया कि मेले के प्रभावी प्रबंधन को लेकर मेला क्षेत्र को विभिन्न सेक्टरों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक सेक्टर में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी नियुक्त रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए होमगार्ड के जवानों की भी तैनाती की गई है।   उन्होंने कहा कि मेले के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को इस तरीके से बनाया गया है जिससे त्रिलोकपुर के स्थानीय निवासियों को भी असुविधा का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा साफ-सफाई को लेकर भी मेला समिति गंभीर है। 

DC Sirmaur सुमित खिमटा ने Sirmaur वासियों को दी मेले की बधाई*

उपायुक्त सुमित खिमटा ने समस्त सिरमौर वासियों सहित क्षेत्रवासियों को माता बालासुंदरी मेले की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि माता बालासुंदरी का यह पावन मेला सभी सिमौर जिला वासियों और श्रद्धालुओं के लिए सुख-स्मृद्धि के साथ शांति और सदभाव लेकर आयेगा। 

*उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा 9 अप्रैल को करेंगे मंदिर में पूजा अर्चना*

उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा मेले के प्रथम दिन यानि 9 अप्रैल से प्रातः 9 बजे  मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे और यज्ञ में भाग लेंगे। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारी तथा सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।