NH 707 पर अनियमितताओं के खिलाफ जन-जागरूकता: धतरवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे”
Himachal News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों पर गठित 5 विभागों की जांच कमेटी ने निर्माणाधीन NH 707 का निरीक्षण करके मौका पर हुई बेतरतीबी के साक्ष्य जुटाकर एकत्रित किए है। निरीक्षण के दौरान NGT की संयुक्त टीम द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों सहित NH 707 के फेस – 3 का कार्य कर रही कंपनियों ने करोड़ मेट्रिक टन मलबा नदी-नालों के किनारो में फेंका गया है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों सहित निजी कंपनियों के कर्मचारी अनियमिताओं के संबंध में प्रशासनिक टीम को सही जवाब देने की जगह टालमटोल करते नजर आए। जिसके बाद जांच टीम ने जहां सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही को नॉट डाउन किया है। वहीं कंपनी के कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई है। अब यहां कंपनी की मनमर्जी से हुई अनियमितताओं के कारण हुआ नुकसान rudhnav infra Pvt. कम्पनी पर भारी पड़ सकता है।
*NGT की जांच में rudhanav infra कंपनी ने NH 707 के मलबे में दबाए करोड़ों रुपए की वनस्पति और औषधीय पौधे*
मामला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बनाए जा रहे NH 707 का है। जहां फेस – 3 का कार्य कर रही *HES infra pvt.* की सबलेट *rudhnav infra कंपनी* , NH 707 के चौड़ीकरण पर पैकेज 3 का कार्य कर रही है। कम्पनी द्वारा *CH50 से CH75* के अंदर अवैज्ञानिक ढंग से मार्ग के कार्य को अंजाम देने का मामला सामने आया है। मार्ग से निकलने वाला मलबा बेतरतीब तरीके से सरकारी व निजी घासनियो में डाला गया है। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया गया है।
करोड़ो मीट्रिक टन मलबा नदी, नालों में डाल दिया गया है। हजारों बीघा जमीन पर पेड़, पौधे, घास, जड़ी बूटियों सहित लाखों रुपए की लागत से बिकने वाले औषधीय पौधों को नष्ट किया गया है। यही नहीं पीने के पानी की दर्जनों स्कीमें, सिंचाई नहरें और सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन नष्ट की गई हैं। *Rudhanav infra कम्पनी* की मनमानी के चलते कई गांवों व बस्तियों के लोगों को बेघर होने का खतरा मंडरा गया है।
*जब NGT टीम ने NH 707 पर पैकेज -3 के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय मिश्रा को लगाई फटकार*
निरीक्षण के दौरान जब NGT की संयुक्त टीम ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकृत अधिकारियों सहित *rudhanav infra कंपनी* के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से मौका पर हुए नुकसान और बेतरतीबी पर जवाब मांगा तो कंपनी के प्रोजेक्ट अजय मिश्रा संतोष जनक जवाब न दे पाए।
इस संबंध में ADC सिरमौर और अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों से जानकारी मांगी तो कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जवाब दे पाए न ही अवैध डंपिंग से संबंधित कागजात पेश कर पाए है।
जांच कमेटी के सामने टालमटोल करने लगे, जिसके बाद NGT की जांच टीम ने भांप लिया कि कंपनी लगातार भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। लिहाजा कंपनी के पीएम को जांच टीम ने कड़ी फटकार लगाई है और NGT टीम के सीपेसलाहार, जिला सिरमौर के अतिरिक्त उपायुक्त एलआर वर्मा ने rudhnav infra कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अजय मिश्रा को फटकार लगाते हुए गुमराह न करने की हिदायत दी है।
*NGT टीम ने पाया कि NH 707 चौड़ीकरण मामले में भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसमे कंपनियों सहित अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।*
NGT की संयुक्त टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया है कि NH 707 के निर्माण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जिसको लेकर समय-समय पर सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय लोगों ने निर्माण में धांधलियों के संबंध में शिकायत भी की है।
इस बीच एनएच की खुदाई से निकली मिट्टी के अवैज्ञानिक डंपिंग को लेकर एनजीटी में भी पीआईएल दर्ज की गई है। जिसके चलते वीरवार और शुक्रवार को एडीसी सिरमौर, शिमला की अगुवाई में एनजीटी द्वारा गठित टीम ने शिकायत में दर्शाए गए अवैध डंपिंग स्थलों का दौरा किया है। और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों सहित संबंधित कंपनियों को कार्य शैली में हुई अनियमितताओं की वितरित रिपोर्ट तैयार करने के लिए मौका का निरीक्षण किया है।
*NGT टीम के सामने फूटा लोगों का गुस्सा, पैकेज 5 का कार्य करने वाली धतरवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ लगे मुर्दाबाद के नारे*
NH 707 पर निरीक्षण के दौरान NGT जांच टीम के समक्ष स्थानीय लोगों का जमकर गुस्सा फूटा। सबसे अधिक हंगामा गुम्मा बाजार में हुआ। यहां स्थानीय लोगों ने धतरवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
लोगों का आरोप था कि धतरवाल कंपनी ने सड़क निर्माण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया है। अवैज्ञानिक ढंग से डंपिंग की गई है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों की सैकड़ों बीघा जमीन, घर, लिंक रोड, पुराने रास्ते, सिंचाई की नहरें और पेयजल स्कीमें नष्ट हुई हैं।
स्कूल को जाने वाला रास्ता पूरी तरह से टूट गया है। सड़क के साथ लगते भवन कुछ टूट गए हैं और कई मकानों में दरारें आ गई है। इतना ही नहीं बल्कि धतरवाल कंपनी ने मलबा फेंकने के लिए तमसा नदी का माध्यम बनाया है। और मार्ग से निकलने वाले 90 प्रतिशत मलबे को वन विभाग की भूमि को माध्यम बनाकर नदी में डाल दिया है। जिससे जहां लाखों की संख्या में जलचर जीवों को नुकसान पहुंचाया गया है। वहीं बरसात के मौसम में मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाएंगे, हालांकि NGT टीम ने कंपनी की करनी और कथनी पर बारीकी से रिपोर्ट तैयार करनी है। जिसमे धतरवाल कम्पनी का दोषी होना निर्धारित है।
NH 707 मामला: क्षेत्रीय लोगों की मांग- भू-मालिकों को मिले पूरा मुआवजा
*NGT टीम की जांच के दौरान लोगों ने रोकी अधिकारियों की गाड़ियां, प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर लगे मिलीभगत के आरोप*
यहां लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का घेराव किया। प्रोजेक्ट डायरेक्टर को जमकर खरी खोटी सुनाई और भ्रष्टाचार के आरोपों में जवाब मांगा है। गुस्साए लोगों ने जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीसी शिमला अजीत भारद्वाज की गाड़ी को लम्बे समय तक रोककर रखा।
स्थानीय लोगों ने कुछ मामलों में लिखित आश्वासन के बाद एडीसी, मोर्थ, प्रोजेक्ट डायरेक्टर विवेक पांचाल और धतरवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक की गाड़ियों को बहाल किया। एनजीटी को दी शिकायत में चिन्हित स्थान की जांच के दौरान पाई गई अनियमितता को लेकर जांच कमेटी भी गुस्से में नजर आई।
एडीसी अजीत भारद्वाज ने तो यहां तक कह दिया कि इस तरह का कार्य अन्याय पूर्ण एवं जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। पर्यावरण को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचाई गई है। कमेटी रिपोर्ट तैयार करके जल्द उच्च अधिकारियों को भेजेगी।
*NGT को समाजसेवी नाथू राम ने डाली है पीआईएल*
उल्लेखनीय कि समाजसेवी नाथूराम चौहान ने NH 707 के कार्य में हुई अनियमितताओं, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और अवैज्ञानिक ढंग से डंपिंग करने के आरोप लगाते हुए एनजीटी में पीआईएल डाली है। नाथूराम चौहान की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शिमला और सिरमौर डीसी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है।