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NH 707 मामला: क्षेत्रीय लोगों की मांग- भू-मालिकों को मिले पूरा मुआवजा

By Sandhya Kashyap

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NH 707 विवाद: राजमार्ग प्राधिकरण की टीम और क्षेत्रीय लोगों के बीच उथल-पुथल

Himachal News: समाजसेवी नाथू राम चौहान द्वारा केंद्र के विभिन्न विभागों में याचिका डालने के बाद NH 707 का निरीक्षण करने पहुंची NGT की टीम का निरीक्षण शुरू होते ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों सहित मौका पर राजमार्ग का कार्य कर रही कंपनियों  की करनी और कथनी NGT टीम के सामने आने लगी है। और क्षेत्र वासियों की समस्याओं को अधिक जटिल बनाने वाली दोषी कंपनिया, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

NH 707 मामला: क्षेत्रीय लोगों की मांग- भू-मालिकों को मिले पूरा मुआवजा

NH 707 पर विवाद: NGT टीम की नजर में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों पर

निरीक्षण शुरू होते ही जहां सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी अपनी फाइलों की धूल झाड़ते नजर आ रहे है। वहीं कार्य कर रही कंपनियों के आला अधिकारी साम, दाम, दंड भेद का इस्तेमाल करने NGT की निरीक्षण कार्यवाही को अपने फेवर में रखने के असंभव प्रयास करते हुए NGT टीम के आगे पीछे घूमते नजर आ रहे है। वर्तमान में परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय  के अधिकारियों सहित कार्य कर रही कंपनियों में खलबली मची हुई है। 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों पर आरोप: भू-मालिकों की समस्या में देरी

 NGT की टीम जैसे ही निरीक्षण करते हुए जैसे ही शिलाई पहुंची तो यहां स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को घेरते हुए NGT टीम को बताया कि भू -अर्जन प्राधिकारी ने जमीन व भवन मालिकों से वादा किया था कि उनके साथ किसी तरह का छल नही किया जाएगा, और जल्द ही भवनों सहित जमीनों का पूरा मुआवजा मालिकों को दिया जाएगा .

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मामले में एसडीएम शिलाई, एडीएम पावटा साहिब सहित NH 707 के भू-अर्जन अधिकारी ने लगभग दो वर्ष पहले संबंधित मामला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को भेज दिया है। लेकिन कार्यवाही करने की जगह क्षेत्र वासियों की फाइल को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने अपने टेबल के नीचे दबाकर रखा है। और मामले में बीते दो वर्षो से कार्यवाही नही हो पाई है। इसलिए क्षेत्रीय लोगों ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों NGT टीम के सामने भारी रोष प्रकट करके सख्त कार्यवाही की मांग की है।

NH 707 मामला: क्षेत्रीय लोगों की मांग- भू-मालिकों को मिले पूरा मुआवजा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों पर क्षेत्रीय लोगों का आरोप: दो साल में भी कोई कार्यवाही नहीं

क्षेत्रीय लोगों में नाया ग्राम पंचायत प्रधान खजान सिंह चौहान, पूर्व जिला परिषद सदस्य रणजीत नेगी, ईश्वर चंद कटोच, अतर सिंह नेगी, धर्म सिंह चौहान, श्याम सिंह चौहान, शुपा राम, दिनेश नेगी, राय सिंह सहित दर्जनों ने NGT टीम को अवगत करवाया कि बीते दो वर्षों से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रोजेक्ट डारेक्टर ने भू – मालिकों व राजमार्ग की जद में आने वाले भवनों की फाइल दबाकर रखी है। जबकि एसडीएम शिलाई, एडीएम पावटा साहिब सहित राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के भू-अर्जन अधिकारी ने दो वर्ष पहले मामला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को मामले में कार्यवाही को फाइनल करके दिया है। 

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 NH 707 मामला: क्षेत्रीय लोगों की मांग- भू-मालिकों को मिले पूरा मुआवजा

क्षेत्रीय लोगों ने NGT टीम को अवगत करते हुए बताया कि NH 707 की जद में आने वाली जमीन और भवनों का पूरा मुआवजा उन्हें मिलना चाहिए। NH 707 का समूचा क्षेत्र भूकम्प की दृष्टि से डेंजर जॉन 4 में आता है। समूचा क्षेत्र पहाड़ी सरचना वाला है। जिसके कारण पहाड़ों में भवनों का निर्माण स्टेप सिस्टम में बनाया जाता है। भवनों के बेसमेंट लगभग 12 से पंद्रह फुट होती है। जिसमें भवन के फ्रंट कॉलम रहते है। बाकी पीछे पूरा भवन स्टेप में खड़ा होता है। और भवन का पूरा भार फ्रंट के कॉलम ही टिका होता है।

यहां राजमार्ग प्राधिकरण की टीम ने मुआवजे के लिए केवल भवनों के बेसमेंट की ही एसएसमेंट की है। जिसको तोड़ने के बाद पूरा भवन धराशाही हो जाएगा। इसलिए मांग में क्षेत्रीय लोगों को पूरे भवन का मुआवजा मिलने की मांग को पूरा करना चाहिए।

NH 707 मामला: राजमार्ग प्राधिकरण की टीम ने 47 भवनों का आकलन किया, क्षेत्रीय लोगों में भड़का रोष

 क्षेत्रीय लोगों ने मांग की है कि NH 707 की जद में आने वाले भवन को या तो पूरा तोड़ा जाएं, या फिर पूरा भवन बचाया जाए, क्युकी आधे टूटे भवन में रहना सीधा मौत को दावत देना होगा। और राजमार्ग प्राधिकरण यहां पर भवनों को सीधा मौत का सामान बना रहे है।खासकर शिलाई बाजार के अंदर राजमार्ग प्राधिकरण की टीम ने 47 भवनों का आधा, अधूरा आकलन किया है। जिसके कारण लोगों ने NGT को अवगत करवाते हुए बताया कि यदि लोगों की समस्याओं का समाधान न हुआ तो फिर केंद्र सरकार सहित संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जाता ही मात्र एक रास्ता क्षेत्रीय लोगों के पास रह जाएगा।

क्षेत्रीय लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पावटा साहिब कार्यालय में यदि मिलने जाते है तो मिलने का समय नहीं दिया जाता है। क्षेत्रीय लोगों की बात को सुनने वाला सरकार के कार्यालय में कोई नहीं है। पिछले दो सालों से लगातार कार्यालय के चक्कर क्षेत्रीय लोग लगा रहे है। लेकिन लोगों की समस्याओं को विभागीय अधिकारी अनसुना कर रहे। अन्य मामलों पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों और मौका पर कार्य कर रही कंपनियों की मिलीभगत है।  इसलिए पूरे राजमार्ग पर घटिया सामग्री के साथ पहाड़ों को खोखला करने के लिए ब्लास्टिंग का सरेआम इस्तेमाल किया जा रहा है।

अलबत्ता  NGT की जांच टीम के पहुंचने पर जिला सिरमौर की गिरीपार क्षेत्र की भाग्य रेखा कहीं जाए वाली NH 707 मार्ग का उदय होने के आसार बढ़ गए है, वहीं लोगों को आस बंधी है कि अब भ्रष्ट अधिकारियों और कंपनियों पर सख्त कार्यवाही होगी और करोड़ों रुपए की बन्दर बांट करने वाली कंपनियां और अधिकारियों को सरकार सलाखों के पीछे डालने वाली है।