हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर सियासी घटनाक्रम तेज हो गया है। इसी कड़ी में गुरुवार को हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस पार्टी के 6 बागी विधायकों पर कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। प्रेस कांफ्रेंस में कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जिन 6 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था। विधानसभा स्पीकर ने यह भी कहा कि बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने सभी पक्षों का तर्क सुना था।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से सियासी घमासान मचा है। कांग्रेस के बागी विधायकों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सभी छह बागी विधायक अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं।
हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष ने सुनाया फैसला
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह बागी विधायकों के भविष्य पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने फैसला सुना दिया है। कांग्रेस विधायक और संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने दलबदल विरोधी कानून के तहत छह विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी। दरअसल, स्पीकर ने कल दोनों पक्षों को सुना था। आज स्पीकर ने फैसला सुनाया है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस बागी विधायकों पर आरोप है कि भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी के पक्ष में व्हिप जारी होने के बावजूद वोटिंग की। इसके अलावा बजट पारित करने के दौरान व्हिप जारी होने के बावजूद ये सदन से गैरहाजिर रहे। बागी हुए कांग्रेस विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्रदत्त लखनपाल और चैतन्य शर्मा के नाम शामिल हैं।
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