अखण्ड भारत टीम/सिरमौर :- हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ऊपरी क्षेत्र नौहराधार और हरिपुधार में बरसाती मटर की फसल तैयार होकर बाजार में आ चुकी है। सितंबर में अत्यधिक बरसात होने के चलते लगभग 80 फीसदी पहले ही खत्म हो चुकी है। ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस समय शेष बची 20 फीसदी फसल बाजार में आना शुरू हो चुकी है।
बता दें कि मटर की नगदी फसल वर्ष की अंतिम फसल होती है,जिससे किसान आगामी सर्दियों के लिए अपने घर की जरूरत की चीजें खरीदते हैं। लैकिन वर्ष तो किसानों को बीज खाद, गोबर, दवाइयों आदि का खर्च भी जेब से देना पड़ रहा है। उत्पादन कम होने के चलते स्थानीय आढ़ती 90 से 95 रुपये प्रति किलो मटर खरीद रहे हैं।
क्षेत्र के किसान मोहनलाल, अशोक, संजय, राजेश, सुरेंद्र, कमलराज आदि ने बताया कि मटर का बीज 250 से 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर बिजाई की थी। मटर की पैदावार भी काफी अच्छी हुई थी, लेकिन सितंबर में लगातार बारिश और धुंध ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। उन्होंने बताया कि शेष बची फसल से तो अब बीज भाड़ा भी पूरा नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि क्षेत्र के नौहराधार, संगड़ाह, अंधेरी, देवामानल, घन्दूरी, भराड़ी, चाढना, चोकर, गताधार, डियूडी खडाह, सैलपाब, देवना थनगा आदि क्षेत्रों में करीब 14 सौ हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने मटर की बिजाई की है। मात्र 60 दिनों के भीतर यह मटर की फसल तैयार हो जाती है, और दिवाली से पहले हरा मटर बाजारों में आ जाता है। लेकिन, इस बार नाम मात्र की पैदावार होने से किसानों का दिवाली पर्व का फीका रहने वाला है।