डेस्क: मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बेंच के पास एक अनूठी याचिका आई है। अब तक हमने फिल्मों के विरोध में उसे बैन करने या रिलीज पर रोक लगाने जैसी अपील की बात सुनी है। लेकिन हाई कोर्ट में एक शख्स ने डायरेक्टर लोकेशन कनगराज के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की मांग की है। मदुरई के राजू मुरुगन नाम के इस शख्स ने अपनी याचिका में लोकेशन के डायरेक्शन में बनी थलापति विजय की ‘लियो’ को हिंसक बताते हुए फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। साथ ही यह भी अपील की है कि लोकेश कनगराज की मनोवैज्ञानिक जांच होनी चाहिए।
याचिका में तर्क दिया गया है कि ‘लियो’ में ऐसे सीन्स हैं, जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं। इनमें हथियारों के उपयोग, धार्मिक प्रतीक और नशीली दवाओं के उपयोग के साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा शामिल हैं। फिल्म पर आरोप लगाया गया है कि इसमें दंगों, अवैध गतिविधियों, मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों के उपयोग जैसी असामाजिक चीजों के साथ ही पुलिस की सहायता से कोई भी अपराध संभव होने की बात दिखाई गई है, जो सरासर गलत है।
‘लोकेश कनगराज का होना चाहिए साइकोलॉजिकल टेस्ट’
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि ऐसी फिल्मों की सेंसर बोर्ड द्वारा गहन समीक्षा की जानी चाहिए। साथ ही लोकेश कनगराज का जरूरी साइकोलॉजिकल टेस्ट होना चाहिए। फिल्म पर भारतीय आपराधिक कानून के तहत पूरी तरह से बैन लगना चाहिए। जस्टिस कृष्णकुमार और विजयकुमार की बेंच के सामने लाए गए इस मामले को बुधवार को पोस्टपोन कर दिया गया, क्योंकि लोकेश कनगराज के वकील कोर्ट में मौजूद नहीं थे।
वर्ल्डवाइड 605 करोड़ रुपये कमा चुकी है ‘लियो’
वर्ल्डवाइड 605 करोड़ रुपये का ग्रॉस कलेक्शन करने वाली ‘लियो’ बीते साल अक्टूबर महीने में रिलीज हुई थी। फिल्म अब ओटीटी पर भी रिलीज हो चुकी है। इस बीच दिसंबर में ही लोकेश कनगराज ने सोशल मीडिया से ब्रेक ले लिया। उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि मैं पूरी तरह से अपने अगले प्रोजेक्ट पर ध्यान लगाने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अपने मोबाइल से ब्रेक ले रहा हूं।’