धर्मशाला : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन भारतीय स्टांप (हिमाचल प्रदेश द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 व हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर संशोधित विधेयक को सदन में चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। वहीं, एक अन्य हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 को बगैर चर्चा के पारित कर दिया गया
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर अधिनियम 2023 संशोधन विधेयक ध्वनमित से पारित कर दिया गया। प्रदेश में अब जल उपकर आयोग का नाम बदलकर जल आयोग होगा।
संशोधन पर चर्चा के दौरान सदन में विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा ने आपत्ति जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। रणधीर शर्मा ने कहा कि सरकार को एक साल के भीतर ही विधेयक में संशोधन करने की क्या जरूरत पड़ गई। आने वाले वक्त में पानी का स्कीमों पर भी आयोग का हस्तक्षेप रहेगा। उन्होंने सरकार से पूछा कि अब तक वाटर सेस आयोग से कितनी आमदनी हुई, जो आयोग बनाया, उसमें नियुक्त स्टाफ व गाड़ियों आदि पर कितना खर्च किया गया।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कानून बनाना हमारा काम है। जनता ने हमें इस काम के लिए भेजा है, ट्रांसफर करने के लिए नहीं। विपक्ष के सदस्य जो कह रहे हैं, वैसा नहीं है। केंद्र में भी जल आयोग है। केंद्र की तर्ज पर ही राज्य में हिमाचल का जल आयोग अपना काम करेगा। अभी तक लगभग 29 करोड़ रुपये की राशि वाटर सेस के तौर पर प्राप्त हो चुकी है। इसके बाद इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 को बगैर चर्चा के पारित कर दिया गया। विधेयक में पर्यावरण के लिए हानिकारक नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा सार्वजनिक नालियों, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर खुले में फेंकना या जमा करने का नियंत्रण करने का प्रावधान है। गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री की परिभाषा में संशोधन किया गया है, ताकि पर्यावरण को हो रहे नुकसान को सख्ती से रोका जा सके।
भारतीय स्टांप हिमाचल प्रदेश द्वितीय संशोधन विधेयक 2023 सदन में लाया गया तो इस पर भी चर्चा हुई। बाद में विपक्ष के विरोध के बीच सत्तापक्ष के ध्वनिमत से यह विधेयक सदन ने पारित कर दिया। इसमें प्रावधान किया गया है कि अब माइनिंग की संपत्ति पर 6 फीसदी और कंपनियों के मर्ज होने या अन्य कारणों से प्रॉपर्टी के हस्तांतरण पर 8 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगेगी।