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पहल: वर्षा जल का फायर सेफ्टी तथा सिंचाई के लिए होगा उपयोग, कूहलों, भंडारण टैंकों का होगा निर्माण

By Sandhya Kashyap

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धर्मशाला, 14 दिसंबर: कांगड़ा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों वर्षा जल को संग्रहित कर फायर सेफ्टी तथा सिंचाई के लिए उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा इस के लिए पायलट आधार पर कांगड़ा जिला के भवारना ब्लाक के दैहण तथा रमेहड़ पंचायतों के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसमें ग्रामीण विकास विभाग बतौर नोडल विभाग कार्य करेगा जबकि जल शक्ति, वन विभाग तथा कृषि विभाग आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में कार्य करेंगे।   

उपायुक्त डा निपुण जिंदल की अध्यक्षता में एनआईसी के सभागार में एक आवश्यक बैठक भी आयोजित की गई। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला में जल संरक्षण और उसका सही उपयोग करने पर विशेष फोक्स किया जा रहा है इसी आधार पर कांगड़ा जिला के भवारना ब्लाक की दैहण तथा रमेहड़ पंचायत में वर्षा जल संग्रहण के फायर सेफ्टी तथा सिंचाई के उपयोग के लिए पायलट आधार पर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।   

उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर सरकारी तथा निजी भवनों में वर्षा जल संग्रहण ढांचे विकसित किए गए हैं इसका पूरा डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इन जल संग्रहण ढांचों का पानी कूहलों या पाइप्स के माध्यम से खेतों की सिंचाई के लिए पहुंचाया जा सके इसके साथ वर्षा जल संग्रहण ढांचों से पानी कूहलों तथा पाइप्स के माध्यम से भंडारण टैंकों तक भी पहुंचाने की योजना तैयार की जा रही है ताकि इस पानी का उपयोग फायर सेफ्टी के लिए किया जा सके। उन्होंने कहा कि जल भंडारण टैंक निर्मित करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।    उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि कृषि विभाग को संबंधित पंचायतों में कूहलों की स्थिति के बारे में डाटा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं इसके साथ ही जहां संभव हो खड्डों पर भी चैक डैम निर्मित कर जल संग्रहण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही वन विभाग को अमृत सरोवरों के जल के उपयोग के बारे में भी उचित प्लान करने के लिए कहा गया है ताकि जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए जल का सही उपयोग समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग को भी जल संग्रहण ढांचों के पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाने के लिए आवश्यक प्लान तैयार करने दिशा निर्देश दिए गए हैं ताकि सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य योजना तैयार की जा सके और उसको अमलीजामा पहनाया जा सके। इस अवसर पर परियोजना अधिकारी डीआरडीए चंद्रवीर सहित आईपीएच, वन तथा कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।