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हनुमानजी के मंदिर में प्रतिमा पर नहीं टिकता चोला

By Sushama Chauhan

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डेस्क: सनातन धर्म में देवी-देवताओं के प्रति लोगों की अटूट आस्था है ! हनुमानजी की बात करें तो शायद ही कोई गांव या शहर होगा, जहां उनका मंदिर न हो ! मध्य प्रदेश के खरगोन में स्थित हनुमानजी के एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर की महिमा आज हम आपको बता रहे हैं, जहां भक्त कितना भी गाढ़ा चोला चढ़ा दें, टिक नहीं पाता है !

मंदिर में हर दिन होने वाली अलौकिक घटना को भक्त हनुमानजी का चमत्कार और आशीर्वाद मानते हैं ! 40 वर्षों से अनवरत शनिवार की शाम यहां सुंदरकांड होता है ! यह पहला ऐसा मंदिर है, जहां साल में दो बार विशाल भंडारा होता है. पहला हनुमान जयंती और दूसरा नवरात्रि में होता है !

हनुमानजी का यह मंदिर जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के किनारे पवित्र नगरी मंडलेश्वर में मौजूद है ! शहर में श्री खेड़ापति हनुमानजी का यह मंदिर सबसे पुराना है, जो परमार कालीन प्रतीत होता है ! मंदिर में माता अंजनी के साथ विराजित हनुमानजी के अलावा शनिदेव, शिवलिंग और वीर तेजाजी महाराज भी हैं !

वैसे हनुमानजी ब्रह्मचारी हैं, लेकिन विवाह के बाद इस मंदिर में नया जोड़ा सबसे पहले हनुमानजी का दर्शन करता है, फिर आशीर्वाद के बाद ही दांपत्य जीवन की शुरुआत करता है ! 25 वर्षों से मंदिर में सेवा दे रहे पुजारी नीरज कानूनगो बताते हैं कि नगर का सबसे पुराना मंदिर होने से सबसे ज्यादा भक्त यहीं दर्शन के लिए आते हैं !

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मंगलवार और शनिवार को प्रातः 3-4 बजे से भक्त भगवान को चोला चढ़ाने आ जाते हैं. मान्यता है कि भगवान साक्षात होकर सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं ! यह भगवान का चमत्कार ही है ! हनुमानजी सबका चोला स्वीकार्य करके सभी को आशीर्वाद प्रदान करते हैं !

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