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शमी के लिए अहमदाबाद का विकेट और भी बेहतर

By Sushama Chauhan

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उतरप्रदेश: सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर 2019 का हिसाब बराबर हो गया है। भारतीय टीम कंगारुओं से 2003 विश्वकप फाइनल का बदला पूरा करने उतरेगी। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम चैंपियन की तरह खेली है। इसी अंदाज में ऑस्ट्रेलिया को हराकर दादा (सौरव गांगुली) को सम्मान देना चाहिए। ये शब्द विश्वकप में अपनी कमेंट्री से वाहवाही लूट रहे मुरादाबाद के स्टार क्रिकेटर पीयूष चावला ने कहे। दादा की कप्तानी में भारतीय टीम 2003 विश्वकप के फाइनल में पहुंची थी।

उस समय हमें आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में 125 रन से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार हमारी टीम इस अध्याय को बदलना चाहेगी। रोहित और गिल अहमदाबाद के मैदान पर एक्स फैक्टर साबित होंगे। जब हिटमैन बेबाक अंदाज से भारत को अच्छी शुरुआत दिलाते हैं तो टीम निश्चित ही बड़ा स्कोर खड़ा करती है। अहमदाबाद शुभमन गिल का होम ग्राउंड है, वह गुजरात टाइटंस के लिए आईपीएल में इस मैदान पर काफी पसीना बहा चुके है।

शमी को भी यह विकेट रास आता है। जिस रफ्तार से वह चल रहे हैं, फाइनल में उसे जारी रखने की जरूरत है। पीयूष ने कहा कि मैं किसी एक या दो खिलाड़ी का ही नाम नहीं लूंगा बल्कि पूरी टीम शानदार लय में है। दूसरी ओर आस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ मैचों में जो खेल दिखाया है, उसे भांपकर भारतीय टीम ने अच्छा होमवर्क कर लिया होगा। निश्चित ही फाइनल मैच रोमांचक और यादगार होने वाला है। पीयूष ने फिर दोहराया कि किसी एक बिंदु पर यह नहीं कहा जा सकता कि भारतीय टीम को यहां काम करने की जरूरत है। बस किसी की नजर न लगे।