धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का घोटाला छोटा मामला नहीं है। इसका नेटवर्क हिमाचल से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर देश के कई राज्यों तक फैला है। इसमें अब तक 400 करोड़ की धोखाधड़ी की जानकारी सामने आई है। मल्टी लेवल मार्केटिंग अवधारणा पर लोगों की चेन बनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
डीजीपी धर्मशाला में मामले की जांच कर रही पुलिस की विशेष जांच टीम के साथ पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गिरफ्त में आए दो आरोपी स्वीकार कर चुके हैं कि घोटाले में निवेशकों की 400 करोड़ की देनदारी उन पर है। निवेशकों की कड़ी के इस काले धंधे में हर जुड़ने वाला सदस्य अपने आगे दो सदस्य बनाता था। हर नए सदस्य की निवेश की गई रकम पर कमीशन उसके ऊपर के सदस्य को जाती थी। इस तरह शुरुआती दौर में अच्छा रिटर्न कमाने वाले ऊपर के सदस्य ही आभासी मुद्रा के इस घोटाले के ब्रांड एंबेसडर बन गए और अपनी जान-पहचान में इस कड़ी को आगे बढ़ाते गए। घोटाले के सूत्रधारों ने देखते ही देखते करीब 2.5 लाख लोगों की आईडी अपने साथ जोड़ ली। जांच में सामने आ रहे तथ्यों को आयकर विभाग और वित्त मंत्रालय की जांच यूनिट के साथ साझा किया जाएगा।
डीजीपी ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि लोग कम समय में अधिक मुनाफे के लालच में अपनी पैसा गंवा रहे हैं। प्रदेश की जनता डिजिटल प्लेटफार्म और अन्य माध्यमों से चलाई जा रहीं ऐसी निवेश योजनाओं और कंपनियों के लालच में न फसे। इस तरह की गतिविधियों का पता चलने पर पुलिस को तुरंत सूचित करें।
इस अवसर पर विशेष जांच टीम के मुखिया डीआईजी अभिषेक दुल्लर, सदस्य आईपीएस अधिकारी अमित यादव, मंडी के एसपी साइबर क्राइम मनमोहन, कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री और पालमपुर के डीएसपी लोकेंद्र भी मौजूद रहे।