मंडी : सीटू ने शनिवार को श्रमिक कल्याण बोर्ड के मंडी जिला कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया तथा श्रमिक कल्याण बोर्ड अधिकारी के माध्यम से मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव हिमाचल प्रदेश को ज्ञापन सौंपा। सीटू ने मांग की है कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा पिछले तीन वर्षों से रोके हुए लाभ तुरंत जारी किए जाएं। पिछले एक साल से मजदूरों के पंजीकरण और नवीनीकरण तथा अन्य सहायता राशि प्राप्त करने पर लगाई गई रोक हटाई जाए।
मनरेगा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने का फैसला वापस लिया जाए और उन्हें पहले की भांति बोर्ड का सदस्य बनाया जाए। पिछले 10 वर्षों में बोर्ड से पंजीकृत निर्माण मजदूर से वर्तमान में लिए जा रहे गैर जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करने के अभियान को तुरंत रोका जाए। वर्ष 2008 में बने बोर्ड नियमों के अनुसार पंजीकृत निर्माण मजदूर यूनियनों को रोजगार प्रमाण पत्र जारी व सत्यापित करने का अधिकार बहाल किया जाए।
बोर्ड की धनराशि का उपयोग मजदूरों के कल्याण पर ही किया जाए और फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जाए। बोर्ड द्वारा पिछले एक साल से नवीनीकरण न करने के चलते इसे करवाने के लिए एक वर्ष अतिरिक्त समय दिया जाए। इन सभी मांगों को लेकर सीटू ने धरना प्रदर्शन किया और सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी की उपरोक्त मांगों को जल्द हल नहीं किया गया तो तमाम मजदूरों को लामबंद करते हुए एक मजबूत आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार और श्रमिक कल्याण बोर्ड प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर सीटू जिला महासचिव राजेश शर्मा, निर्माण मजदूर यूनियन जिला सचिव गोपेंद्र शर्मा, लक्ष्मी दत्त, ललित, राजेंद्र, पुष्पराज, राजेश ठाकुर, रोहित इत्यादि ने हिस्सा लिया।