डेस्क: चीन के हांगझोऊ में शुरू हुए 19वें एशियाई खेलों में मुजफ्फरनगर के पुनीत ने चांदी की नाव चलाई। उन्होंने नौकायन की टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता। वह जीत पर खुश हैं बहन की शादी के लिए लिया 14 लाख का कर्ज उतार सकेंगे। दूसरी बहन की शादी बिना कर्ज के धूमधाम से कर सकेंगे। पिता का इलाज करा सकेंगे।
हांगझोऊ के फुयांग वाटर स्पोर्ट्स सेंटर पर कॉक्स्ड-8 इवेंट में जीते रजत पदक ने रोइंग खिलाड़ियों की झोली खुशियों से भर दी। कठिन संघर्ष के बाद देश का नाम रौशन करने वाले मुजफ्फरनगर के काकड़ा निवासी पुनीत बहन की शादी में लिया कर्ज उतारकर पिता का इलाज कराना चाहते हैं। वह घर पहुंचते ही अपनी मां को मेडल पहनाएंगे।
पुनीत पदक जीतने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से मिली धनराशि से पिता का इलाज करा पाएंगे। पुनीत के पिता फेफड़ों में पानी भरने की बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्हें बेटे की सफलता पर गर्व हाे रहा है। कामयाब पर गांव में जश्न का माहौल है। किसान पिता कहते हैं कि चांदी जीत ली है, अब बेटे से स्वर्ण की उम्मीद है।
उनके पिता की 2017 में बाईपास सर्जरी हुई है। उन्होंने कहा कि पदक जीतने के बाद सिर से बड़ा बोझ उतर गया है। पिता के इलाज के बाद पेरिस ओलंपिक की तैयारियों में जुट जाऊंगा।
पुनीत 2014 में सेना में भर्ती हुए थे। वह सिर्फ नौकरी हासिल करने के लिए कबड्डी खेलते थे। सेना में जाने के बाद रोइंग को जिंदगी का हिस्सा बना लिया। पिछले साल पुनीत ने थाईलैंड में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर कांस्य पदक हासिल किया था। पुनीत अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आठ पदक जीत चुका है।