नैनीतालः जोशीमठ मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों की रिपोर्ट गुप्त न रखकर आम लोगों से साझा करनी चाहिए। वहीं, मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने से राहत मिल गई है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होने के लिए दिए गए आदेश को वापस ले लिया है।
यह था मामला
पीसी तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश सरकार की ओर से जनता की समस्या को नजरंदाज किया जा रहा है और उनके पुनर्वास के लिए रणनीति नहीं बनाई गई है।
-किसी भी समय जोशीमठ तबाह हो सकता है। प्रशासन ने छह सौ ऐसे भवनों की चिन्हित किया है जिनमें दरारें आई हैं जो बढ़ती ही जा रहीं हैं।
– 1976 में मिश्रा कमेटी ने जोशीमठ को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को दी थी जिसमें कहा था कि जोशीमठ मिट्टी व रेत-कंकड़ से बना है यहां मजबूत चट्टान नहीं है। कभी भी भू धंसाव हो सकता है।