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NH-707 पर गंगटोली के समीप HRTC ने बन्द की बस सेवाएं, प्रशासन सवालों के घेरे में

By Sandhya Kashyap

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शिलाई : राष्ट्रीय राजमार्ग 707 लोगों के लिए जी का जंजाल बनकर रह गया है। मार्ग की खस्ताहालत इतनी दयनीय हो गई है कि हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम ने राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर अपनी बसों को बंद कर दिया है। राजमार्ग 707 की खस्ताहालत को लेकर शासन, प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण लगातार संवेदनहीन बने नजर आ रहे है। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर विभिन्न जगह बने ‘डेंजर पॉइंट’ कब ठीक होंगे, इसका जबाब किसी के पास नजर नहीं आ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर गंगटोली के पास बने डेंजर जोन के अंदर दुर्घटना हो रही है। वाहनों पर पत्थर गिर रहे, क्षेत्र के लोग लगातार हल्ला कर रहे है बावजूद इसके पिछले 6 महीनों से राष्ट्रीय राजमार्ग 707 की हालत सुधारने की जगह बिगड़ती जा रही है। 

आलम यह हो गया है कि अब पांवटा साहिब से लेकर श्री क्यारी तक मार्ग पर दो दर्जन से अधिक डेंजर जॉन बन गए है और जो मार्ग बना हुआ है उसमे कीचड़ के साथ इतने बड़े-बड़े गढ्ढे हो गए है कि आए दिन मार्ग पर चलने वाले वाहनों के चैम्बर फट रहे है। इसी कारण हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम ने यहां बसें नहीं चलाने का निर्णय जारी रखा है। 

राजमार्ग 707 पर डेंजर जॉन और तंग मार्ग पर सैंकड़ों वाहनों का बेरोकटोक गुजरना देखकर ऐसा लग रहा है कि तमाम ‘जिम्मेदार’ बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। दो दिनों तक एचआरटीसी बसें बंद रखने के बाद बीते दिन यहां से फिर सरकारी बसों के संचालन की कोशिश की गई। मगर डेंजर जॉन से निकलने के प्रयास में एचआरटीसी की एक बस का पिछला हिस्सा खड़ी चट्टान से टकरा गया। हालात में सुधार नहीं होने की वजह से परिवहन निगम ने बसों का संचालन फिर से बंद कर दिया है।  स्थिति ऐसी हो चली है कि सड़कों पर वाहन संचालन को लेकर जिम्मेदार विभाग एचआरटीसी ने यहां दुर्घटना की संभावना को देखते हुए बसें चलाने से मना कर दिया है जबकि प्रशासन ने अन्य वाहनों को खुली छूट दी है।  निजी बसें और बड़े वाहन अब भी इस हिस्से से बेरोकटोक चल रहे हैं। बीते दिनों शिलाई एसडीएम राकेश कुमार सिंघा ने कहा था कि यदि 24 घंटे के भीतर हालत में सुधार नहीं हुआ तो प्रशासन आगामी कदम उठाएगा। मगर, 48 घंटे बीत जाने के बावजूद भी हालात पहले से अधिक दयनीय बने हुए हैं। 

उल्लेखनीय है कि गंगटोली के समीप सड़क की कटिंग के दौरान सड़क टूट गई थी। यहां एक तरफ 90 डिग्री की बेहद ऊंची खड़ी चट्टान है जबकि दूसरी तरफ गहरी खाई है। मार्ग का लीग से कम हिस्सा बाकी बचा है। यहां वाहनों का गुजरना खतरे से खाली नहीं है। मौका पर कार्य कर रही कंपनी ने साइड पर मार्ग का कार्य शुरू भी किया हुआ है। लेकिन प्रशासनिक और राजनीतिक फेर के चलते कंपनी के कार्य को प्रगति नहीं मिल रही है। इससे पहले मामला इतना गरमाया हुआ है कि जिला अधिकारियों ने मौका पर कार्य बंद करवा दिया है। और राहगीरों सहित मार्ग पर चलने वाले वाहनों के लिए मौत का कुआ राजमार्ग 707 को बना दिया गया है। ऐसी ही हालत अन्य कई जगहों पर बनी हुई है। यहां प्रदेश सरकार सहित मोर्थ के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है कि आखिर शासन प्रशासन जानबूझ कर क्यों अनदेखी कर रहा होगा। प्रशासनिक अधिकारियों का कोई भी एक्शन यहां पर नजर नहीं आया है। हालात दयनीय बने हुए हैं। लिहाजा सवाल भी यथावत है कि ‘डेंजर पॉइंट’ कब ठीक होगा? यदि बड़ी दुर्घटना होती है तो जिम्मेदार कौन होगा ?

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जिला सिरमौर के उपायुक्त सुमित खिमटा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिलाई एसडीएम से रिपोर्ट तलब करने की बात कही गई है। जिस पर आगामी कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी। 

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 एसडीएम शिलाई राकेश कुमार सिंघा का कहना है कि इस संबंध में मोर्थ के अधिकारियों को लिखा गया है और यहां चौड़ीकरण का काम कर रही कंपनी को हालात सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।