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चंद्रमा की धरती पर अमेरिकी अंतरिक्षयात्री ने की थी पेशाब? जानें क्‍या है अपोलो मिशन के इस महारहस्‍य का सच

By Sushama Chauhan

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Summary

 डेस्क: रूस का लूना-25 चांद पर लैंडिंग से चूक गया है। अब दुनियाभर की नजरें भारत के चंद्रयान-3 पर टिकी हैं। भारत, रूस और चीन के अलावा कई देश मानवरहित मिशन के बाद क्रू के साथ चांर पर मिशन की तैयारी में लगे हैं। 20 जुलाई 1969 को अमेरिका के ...

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 डेस्क: रूस का लूना-25 चांद पर लैंडिंग से चूक गया है। अब दुनियाभर की नजरें भारत के चंद्रयान-3 पर टिकी हैं। भारत, रूस और चीन के अलावा कई देश मानवरहित मिशन के बाद क्रू के साथ चांर पर मिशन की तैयारी में लगे हैं। 20 जुलाई 1969 को अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के साथ नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग और बज आल्ड्रिन चांद पर गए थे। अमेरिका के पहले मून मिशन को लेकर एक फन फैक्‍ट भी है जो काफी मशहूर है। कहा जाता है कि आल्ड्रिन वह इकलौते शख्‍स हैं जिन्‍होंने चांद पर पेशाब की थी। जानिए इस रोचक किस्‍से के बारे में।

क्‍या है इसका पूरा सच
आल्ड्रिन ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘नो ड्रीम इज टू हाई’ में इस रोचक किस्‍से के बारे में लिखा है। आल्ड्रिन ने लिखा, ‘नील ने इंसान के लिए एक छोटा कदम लिया तो इंसानी सभ्‍यता के लिए महाविशाल कदम उठाया था। मैंने इंसान के लिए एक छोटा कदम लिया तो इंसानी सभ्‍यता के लिए विशाल लीक किया।’ दरअसल आल्ड्रिन ने चांद पर पेशाब नहीं की थी बल्कि वह डायपर पहने हुए थे। इसके बाद वह अपोलो 11 मिशन पर वापस आने के लिए सवार हुए। आल्ड्रिन और आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग दोनों ने ही डायपर्स पहने हुए थे। आल्ड्रिन ने चांद पर पहुंचने के बाद कहा था, ‘यहां पर बहुत अकेलापन है और मैंने अपने पैंट में ही पेशाब कर दिया है।’

तीन बार चांद पर वॉक
आज भी आल्ड्रिन को चांद पर पेशाब करने वाले पहले व्‍यक्ति के तौर पर जाना जाता है। आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग अपोलो के मिशन कमांडर थे। इस लूनर मिशन के बाद अमेरिका ने जेमिनी 12 को लॉन्‍च किया। इसके साथ ही आल्ड्रिन नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग के बाद मूनवॉक करने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए। आल्ड्रिन ने उस मिशन पर तीन बार चांद पर चहलकदमी की थी।

पीया गर्म पानी

अपोलो 11 मिशन के अतंरिक्ष यात्री पहले ऐसे व्‍यक्ति थे जिन्‍होंने अंतरिक्ष में गर्म पानी पीया था और अपना खाना चम्‍मच से खाया था। उनके खाने को रंगों के साथ एक कोड दिया गया था और सबका खाना अलग-अलग दिन के लिए पैक किया गया था। साथ ही हर दिन का खाना भी अलग था जिसे लेबल लगाया गया था। अपोलो 11 पर तीन अंतरिक्ष यात्री सवार थे और इसे चांद तक पहुंचने में चार दिन, छह घंटे और 45 मिनट लगे थे। यह अमेरिका का पहला लूनर मिशन था।

Sushama Chauhan

सुषमा चौहान, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रिंट,ईलेक्ट्रोनिक सहित सोशल मीडिया पर सक्रीय है! विभिन्न संस्थानों के साथ सुषमा चौहान "अखण्ड भारत" सोशल मीडिया पर मोजूदा वक्त में सक्रियता निभा रही है !