डेस्क: गुमला के एसडीपीओ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मनीष चंद्र लाल को अद्वितीय शौर्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। मोरहाबादी मैदान में होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित करेंगे। मनीष चंद्र लाल को ये सम्मान चिरैयांतर्न एनकाउंटर के दौरान उनकी बहादुरी के लिए दिया जा रहा है। मनीष चंद्र लाल ने 2003 से 2008 तक गढ़वा जिले में तीन पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारी के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने 39 एनकाउंटर किए। हालांकि, 2015 में हजारीबाग जिले के चौपारन पुलिस स्टेशन एरिया में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान उनकी बहादुरी के लिए इस बार उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा रहा है।
एनकाउंटर के दौरान मनीष चंद्र लाल ने दिखाई बहादुरी
गुमला के एसडीपीओ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मनीष चंद्र लाल ने चिरैयांतर्न मुठभेड़ के दौरान तीन माओवादियों को मार गिराया गया। साथ ही माओवादियों के 18 शिविरों को बर्बाद कर दिया था। मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के कैंप से 7 लाख रुपये की रसीद जब्त की गई। एक अधिकारी ने बताया कि उस दौरान नक्सल साहित्य, IED और दबाव बम भी बरामद किए गए।
सेवा और समर्पण का परिचय मनीष चंद्र लाल
मनीष चंद्र लाल ने 1994 में एसआई के रूप में सेवा की शुरुआत की। 2008 में मखातु मुठभेड़ में आठ बदमाशों को उन्होंने मार गिराया। इससे उन्हें एक सर्कल इंस्पेक्टर के रूप में आउट-ऑफ-टर्न पदोन्नति मिली। साथ ही उन्हें 2008 में वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और मुख्यमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
अकेले 38 एनकाउंटर गढ़वा में किए: मनीष चंद्र लाल
मनीष चंद्र लाल को 2020 में गुमला का SDPO बनाया गया, जहां उन्होंने मर्डर के कई मामलों को सुलझाया। हत्या मामलों को सुलझाने पर उन्होंने कहा कि कई बार घटनास्थल पर जाकर मामले की पड़ताल करते हैं तो कई सुराग सामने आ जाते हैं। इससे अपराधी भी जल्द सामने आ जाते हैं। किसी भी मामले की जांच के दौरान कई बार मौके पर जाने की जरूरत होती है।’ उन्होंने कहा कि अकेले गढ़वा में मैंने 38 एनकाउंटर किए हैं।