चम्बा: चुराह उपमंडल के तीसा-बैरागढ़ मार्ग पर हुई दर्दनाक दुर्घटना ने जहां प्रदेश पुलिस की कमर तोड़ी है। वही प्रदेश के 6 लाडले दुर्घटना के शिकार हुए है। दर्दनाक दुर्घटना ने पूरा प्रदेश झंझोड़ दिया है। प्रदेश पुलिस जहां गहरे शोक में है। वहीं समूचे हिमाचल के अंदर लोग स्तब्ध नजर आ रहे है। हिमाचल पुलिस ने मामले में सख्त जांच के आदेश दिए है। स्थानीय विधायक ने हिमाचल लोक निर्माण विभाग पर पुलिस में मामला दर्ज करने को लेकर कदम आगे बढ़ाएं है। लेकिन सवाल यह उठता है कि “क्या प्रदेश में कार्यवाही के लिए बेहतर कदम तभी उठाए जाएंगे, जब घटनाएं हो जाएगी, या ऐसा समय हिमाचल में आएगा जब प्रदेश का शासन और प्रशासन दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में पहले से सतर्क हो जाएगा। ” बहरहाल हिमाचल के संकरे और खूनी मार्ग 6 जवानों की जिंदगियां लील गए है जबकि गाड़ी चालक की भी मौका पर मौत हो गई है।
जानकारी के मुताबिक हिमाचल पुलिस की सेकंड आईआरबी में तैनात सब इंस्पेक्टर, राकेश गोरा पुत्र जयचंद निवासी नूरपुर (कांगड़ा), हेड कांस्टेबल, प्रवीण टंडन पुत्र तिलक राज निवासी बाथड़ी-डलहौजी (चंबा), कांस्टेबल, कमलजीत पुत्र अर्जुन सिंह निवासी खब्बल, जवाली (कांगड़ा), कांस्टेबल, सचिन पुत्र मोहिंद्र सिंह राणा निवासी सूरजपुर, देहरा (कांगड़ा), कांस्टेबल, अभिषेक पुत्र मदन लाल निवासी खेरियां, जवाली (कांगड़ा), कांस्टेबल, लक्ष्य कुमार पुत्र पवन मोंगरा निवासी इच्छी (कांगड़ा) अपने दायित्व को निभाते हुए लम्बी पेट्रोलिंग पर थे। जिस दौरान अचानक पहाड़ी से चट्टान का टुकड़ा गिरकर गाड़ी पर लग गया जिसमे चालक की गर्दन टूट गई और गाड़ी लगभग 200 मीटर गहरी खाई से गुजरती हुई साथ बहती नदी में पहुंच गई। दुर्घटना इतनी दर्दनाक हुई की जिसने भी अपनी आंखों से यह मंजर देखा वह स्तब्ध हो गया।
बताया जा रहा है कि दुर्घटना के शिकार हुए जवान बहादुर, निडर और निष्पक्ष कार्यशैली के रहे। पुलिस की वर्दी पहनने के बाद इन्होंने हिमाचल पुलिस के मायने जनता को बताएं है। इन्होंने जहां भी अपनी ड्यूटी निभाई, ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ निभाई है। इनके कार्यक्षेत्र में इन्होंने नशा तस्कर से लेकर क्राइम के माफियाओं की कमर तोड़कर प्रदेश में नए आयाम स्थापित किए है। यह बड़ा कारण था कि प्रदेश पुलिस को ऐसे जवानों पर नाज था और प्रदेश में व्यवस्था स्थापित करने के साथ माफियाओं पर शिकंजा कसने वाले ये जवान हिमाचल पुलिस में अपनी अलग पहचान रखते थे। हिमाचल पुलिस को पहुंची यह क्षति शायद ही पूरी हो पाएगी।
विभागीय सूत्रों की मानें तो सभी जवानों के शव पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिए गए है। अचानक हुई दर्दनाक दुर्घटना से परिजन निशब्द हो गए है और आसुओं से झलकती आंखे एक ही सवाल पूछ रही है कि घर से तैयार होकर प्रदेश की सेवा करने गए थे जो अब कभी लौटकर वापिस नहीं आएंगे, ऊपर वाले इतना क्या बिगाड़ा था कि जवान बहुओं के सुहाग भरी जवानी में छीन गया, छोटे छोटे बच्चों की परवरिश और बुजुर्ग माता पिता के सहारे को एक क्षण में छीन गया। ऐसा कौन सा पाप हो गया जो परिवार को इतनी बड़ी सजा दे गए है। परिजनों असहनीय पीड़ा महसूस हो रही है। गांव और रिश्तेदार समझाने की कोशिशों में लगे है लेकिन परिजनों को मानो कुछ समझ ही न आ रहा हो।
उधर हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर से लेकर लाहौल स्पीति तक सभी 12 जिलों की पुलिस ने दर्दनाक दुर्घटना के शिकार हुए शेरों के लिए पांच मिनट का मौन रखा, निरंकारी से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की तथा परिजनों को असहनीय दर्द सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना के साथ सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
हिमाचल पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने सड़क दुर्घटना की जांच के लिए एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए है। इंक्वायरी में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की कमेटी का गठन किया गया है। जांच के लिए डीआईजी अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। जिसमे आईआरबी बटालियन सकोह के कमांडेंट खुशहाल शर्मा और चंबा के एसपी अभिषेक यादव को शामिल किया गया है। यह कमेटी दुर्घटना के कारणों की असल वजह का पता लगाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह दुर्घटनाएं होने पर पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने पर सुझाव बताकर प्रदेश विभाग और सरकार को रिपोर्ट पेश करेगी।