डेस्क: गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है। अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटिन कोर्ट ने मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल और पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ समन जारी किए थे। केजरीवाल और पार्टी के सांसद ने इस समन के खिलाफ अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने मौजूदा स्थिति में राहत देने से इंकार कर दिया है। केजरीवाल और संजय सिंह समन भेजने पर तकनीकी तौर पर सवाल खड़े किए थे। सेशन कोर्ट ने रात नहीं मिलने के बाद अब केजरीवाल के सामने हाई कोर्ट जाने का विकल्प है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के सांसद संजय सिंह को अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने 11 अगस्त को पेश होने का कहा है।
पेशी से बचने को जाना होगा हाई कोर्ट
गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस में अगर अरविंद केजरीवाल और पार्टी सांसद संजय सिंह पेश नहीं होना चाहते हैं तो अब उन्हें हाई कोर्ट जाना होगा। पिछले बार दिल्ली में बाढ़ को देखते हुए अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने पेश नहीं हो पाने की अर्जी को स्वीकार कर लिया था। पीएम मोदी डिग्री विवाद से जुड़े इस मामले में गुजरात यूनिवर्सिटी ने अरविंद केजरीवाल और राज्य सभा के सांसद संजय सिंह पर विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की आरोप लगाते हुए मानहानि का केस किया है। पीएम मोदी की डिग्री को दिखाने केंद्रीय सूचना अयोग (CIC) के ऑर्डर के खिलाफ गुजरात यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट अपील की थी। इस साल 31 मार्च को गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस बीरेन वैष्णव ने सीआईसी के ऑर्डर को निरस्त कर दिया था और अरविंद केजरीवाल पर जुर्माना लगाया था। गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल और पार्टी नेता व सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। गुजरात यूनिवर्सिटी ने दोनों नेताओं की प्रेस कांफ्रेंस में कहीं गई बातों का आधार बना मानहानि का केस किया है। यह केस अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में चल रहा है। इसमें दोनाें नेताओं को दूसरी बार समन जारी किए गए हैं।
रिव्यू पिटीशन नहीं हो पा रही सुनवाई
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर ही रिव्यू पिटीशन दाखिल की हुई है। पिछली दो बार से गुजरात हाई कोर्ट में उनकी पिटीशन पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। पिछली तारीख को गुजरात हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस की विदाई के चलते सुनवाई टली तो इस बार गुजरात यूनिवर्सिटी की तरफ से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता के उपलब्ध नहीं होने के कारण तारीख पड़ गई थी। हाई कोर्ट ने 18 को सुनवाई की तारीख तय की है, लेकिन मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के समन में पेशी की तारीख 11 अगस्त है।