डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में तेजी से फैल रहा कंजंक्टिवाइटिस लोगों को परेशान कर रहा है। यह एडिनो वायरस की वजह से फैल रहा है और सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि परिवार में किसी एक सदस्य को संक्रमण होने पर पूरा परिवार ही इसकी गिरफ्त में आ रहा है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि परिवार में जितने लोग संक्रमित हैं, सबके लिए अलग-अलग आई ड्रॉप होना चाहिए। अगर एक ही ड्रॉप से सभी लोग आंखों में दवा डाल रहे हैं तो इससे क्रॉस संक्रमण का खतरा है और इस स्थिति में सुपर एडेड बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो सकता है। डीडीयू अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर जे. एस. भल्ला ने कहा कि अभी कंजंक्टिवाइटिस का पीक चल रहा है और अगले कुछ दिनों तक यह पीक जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसमें मरीज अपने आप ठीक हो जाते हैं, एडमिशन की जरूरत नहीं होती है और अभी तक हुई भी नहीं है। लेकिन, ओपीडी में रोजाना 30 से 35 मरीज केवल इसी संक्रमण की वजह से आ रहे हैं। सबसे जरूरी है इस संक्रमण से बचाव और इसके लिए हाथों को आंखों के संपर्क में पहुंचने से रोकना जरूरी है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।
डॉक्टर भल्ला ने कहा कि अगर एक परिवार में किसी को आई फ्लू का संक्रमण हो रहा है, तो यह सभी में फैल जा रहा है। आंखों में खुजली होती रहती है, लोग बार-बार अपनी आंखें छूते रहते हैं। आंखें छूने से संक्रमण उनके हाथ में आ जाता है और उसके बाद वो घर में जिस-जिस को छूते हैं, वहां संक्रमण छोड़ देते हैं। इसलिए परिवार का कोई सदस्य संक्रमण से बच नहीं पाता। दूसरी समस्या यह हो रही है कि एक परिवार में अगर चार लोग संक्रमित हैं तो एक ही आई-ड्रॉप की शीशी सबके लिए इस्तेमाल होती है। लेकिन, यह गलत है। इससे एक से दूसरे में संक्रमण क्रॉस कर सकता है। अगर कोई केवल वायरस से संक्रमित है और दूसरा बैक्टीरिया से तो दोनों का संक्रमण एक-दूसरे को हो सकता है।
संक्रमित लोग ना करें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल
डॉक्टर भल्ला ने सलाह दी है कि संक्रमित लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्हें खुद यह समझ होनी चाहिए कि अगर वो इससे जाएंगे तो मेट्रो या बस में संक्रमण छोड़ जाएंगे। बस पर चढ़ने के दौरान गेट के हैंडल पर, सीट के पीछे वाली हैंडल पर, जहां-जहां हाथ रखेंगे, वहां-वहां संक्रमण छोड़ते चले जाएंगे और उससे बाकी लोगों को भी संक्रमण हो जाता है। वहीं स्टेरॉयड के इस्तेमाल पर एम्स के आरपी सेंटर के चीफ डॉक्टर जे. एस. तितियाल ने कहा कि यह कभी भी सेफ नहीं है। इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में आंख के कैटरैक्ट में धब्बे पड़ जाते हैं, कंजंक्टिवा पर धब्बे आ जाते हैं, तब स्टेरॉयड की जरूरत होती है। डॉ. तितियाल ने कहा कि आंखों के साथ खिलवाड़ न करें, दिक्कत हो तो डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं लें।
दिल्ली-NCR के 27% परिवारों को आई फ्लू
कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू के दिल्ली-NCR के साथ-साथ देश के कई शहरों में बड़े पैमाने पर केस सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी इसके कई मामले सामने आए। लोकल सर्कल्स के सर्वे में दिल्ली और महाराष्ट्र-कर्नाटक के में 14,000 से ज्यादा लोगों की प्रतिक्रिया मिली। सामने आया कि दिल्ली-NCR के 27% परिवारों के पिछले हफ्ते आई फ्लू की समस्या हुई:
कहां कितनी रही समस्या?
दिल्ली – 27%
कर्नाटक- 17%
महाराष्ट्र- 17%
नोटः यह उन परिवारों का प्रतिशत है जिनके घर में एक या उससे ज्यादा लोगों को पिछले हफ्ते आई फ्लू का सामना करना पड़ा।
दिल्ली-NCR में आपके परिवार में कितने लोग हैं जो आई फ्लू से पीड़ित हैं?
स सर्वे में शामिल 7,498 लोग
13% घरों में 2-3 लोग पीड़ित थे
14% ने कहा कि एक व्यक्ति पिछले हफ्ते से पीड़ित है
73% ने कहा, किसी को भी नहीं हुआ
महाराष्ट्र में क्या हाल रहा?
4, 240 इस सर्वे में शामिल
7% घरों में 4 या इससे ज्यादा लोग पीड़ित रहे
3% घरों में 2-3 लोगों के यह इन्फेक्शन हुआ
7% ने कहा, एक ही शख्स पीड़ित रहा
83% ने कहा, किसी को भी नहीं हुआ
कर्नाटक के शहरों में कितना फैला आई फ्लू?
3,062 इस सर्वे में शामिल हुए
8% घरों में 2-3 लोग पीड़ित थे
9% ने कहा कि एक व्यक्ति पिछले हफ्ते से पीड़ित है
83% ने कहा, किसी को भी नहीं हुआ
क्रॉस इन्फेक्शन से बचना है, तो अलग-अलग ड्रॉप करें यूज
- दिल्ली-एनसीआर में इस वक्त कंजंक्टिवाइटिस का पीक चल रहा है
- डीडीयू अस्पताल में रोजाना 30-35 मरीज आई फ्लू के ही आ रहे हैं
- परिवार में एक सदस्य को संक्रमण होते ही सभी सदस्य आ रहे चपेट में
- ऐसे में सभी लोग एक ही आई ड्रॉप की शीशी का ना करें इस्तेमाल
- इससे क्रॉस संक्रमण का खतरा है जिसमें सुपर एडेड बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी संभव है