डेस्क: दिल्ली में इन दिनों तेजी से आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण फैल रहा है। यूं तो हर साल यह बीमारी फैलती है, लेकिन इस बार संक्रमण की रफ्तार तेज है। कुछ मामलों में इसका असर भी लंबे समय तक हो रहा है। हालत यह है कि दिल्ली के सभी प्रमुख आंखों के अस्पताल में कंजंक्टिवाइटिस के मामले 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है, लेकिन अपने आप ठीक होने की वजह से ज्यादातर लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाते हैं। वायरस की वजह से फैलने वाले इस संक्रमण में कुछ लोगों की आंखों में बैक्टीरियल अटैक भी हो जाता है, ऐसे में बिना एंटीबायोटिक्स के बीमारी खत्म नहीं होती।
एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जे एस तितियाल ने कहा कि इमरजेंसी में रोजाना 25 से 30 मामले आ रहे हैं और ओपीडी को मिलाकर लगभग 100 मरीज हो जा रहे हैं। आमतौर पर एक से दो हफ्ते में यह अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन, कई बार साथ में बैक्टीरियल इन्फेक्शन जुड़ जाता है और यह ज्यादा सीवियर हो जाता है। उन्होंने कहा कि किस तरह का संक्रमण है, इसका पता लगा रहे हैं, जिसमें वायरस का स्ट्रेन का पता चल जाएगा और संक्रमित इंसान में वायरस के साथ बैक्टीरिया है भी या नहीं, इसका भी खुलासा हो जाएगा। इससे इलाज आसान हो जाएगा। अगर बैक्टीरिया भी है तो एंटीबायोटिक्स दिया जा सकता है।
सेंटर फॉर साइट के चीफ डॉ. महिपाल सचदेव ने कहा कि पिछले कुछ दिनो में संक्रमण दो से तीन गुणा बढ़ गया है। दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में यह फैल रहा है। हैदराबाद, भोपाल, इंदौर, सभी जगह हो रहा है। अभी तो स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन जिस तेजी से यह फैल रहा है यह एपिडेमिक का रूप ले सकता है। गुरु नानक आई सेंटर की प्रमुख डॉ. कीर्ति सिंह ने कहा कि ओपीडी में 10 से 20 प्रतिशत तक मामले बढ़ गए हैं। वहीं, आकाश हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रशांत चौधरी ने कहा कि 15 से 20 मरीज रोज ओपीडी में आ रहे हैं, लेकिन कुछ में यह लंबा खिंच रहा है, उसके इलाज के लिए स्टेरॉयड देने तक की नौबत आ रही है।
सफदरजंग अस्पताल के आई विभाग के एचओडी डॉ. अनुज मेहता का कहना है कि ओपीडी में 10 प्रतिशत ऐसे मरीज बढ़ गए हैं। लेकिन जहां तक बच्चों की बात है तो बच्चे हाइजीन का ध्यान नहीं रख पाते हैं, इसलिए उनमें यह तेजी से फैलता है। वो खाना भी शेयर करते हैं, एक दूसरे को टच भी करते हैं, इसलिए बच्चों के लिए एहतियात ज्यादा जरूरी हैं। स्कूल प्रशासन और टीचर को इस पर ध्यान देना चाहिए कि अगर किसी बच्चे की आंख लाल है तो उसे छुट्टी दे दें, पैरंट्स से बात कर, उन्हें पूरी जानकारी दें।
डॉ. तितियाल ने कहा कि यह संक्रमण स्वीमिंग पूल में नहाने से तेजी से फैलता है। क्योंकि, अगर कोई संक्रमित इंसान पूल के पानी में उतरा है तो पानी संक्रमित हो जाता है और फिर पूल में नहाने के लिए उतरने वाले सभी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए स्कूल हो या अन्य जगह स्वीमिंग करना बंद कर दें। साथ में बिना डॉक्टर की सलाह खुद से कोई दवा या स्टेरॉयड बिल्कुल न लें। इससे नुकसान हो सकता है।
कैसे संक्रमण से बचें
– भीड़ में न जाएं, अगर जाएं तो चश्मा पहनें।
– इधर-उधर न छुएं, अपने हाथ बार-बार साफ करें।
– हाथों को पानी से या फिर सैनिटाइजर से साफ करते रहें।
– अपना चेहरा और आंख न छुएं।
– कोरोना की तरह ही हैंड हाइजीन का ध्यान रखें।
– यह भी वायरस की वजह से फैलता है, इसलिए कोविड की तरह ही बचाव के उपाय करें।
– यह छुआछूत की बीमारी नहीं है, लेकिन आंख से निकलने वाले डिस्चार्ज के संपर्क में आने से संक्रमण हो जाता है।
संक्रमित क्या करें
– यह बहुत ही तेजी से फैलता है, परिवार में किसी को हुआ तो सब को हो जाता है।
– संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवेल, रूमाल, बेड शेयर न करें।
– संक्रमित इंसान को अलग सोना चाहिए।
– आंखों पर दिन में तीन से चार बार पानी के छींटे मारकर धोएं।
– अगर आंख लाल होने के साथ दर्द भी हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाएं।