शिमला : प्रदेश में मानसून दस्तक देते ही तबाही मचाने लगा है। मंडी के सराज की तुंगधार और कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ आने से एक दर्जन से ज्यादा वाहन बह गए और कई घरों को नुकसान हुआ है। उधर, मंडी के शिकारी देवी में शनिवार रात 200 लोग फंस गए, जिन्हें छह घंटे बाद रेस्क्यू किया गया। प्रदेशभर में 85 सड़कें बंद हो गईं हैं। 55 बिजली के ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है।
उधर, कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर, मलबा और पेड़ गिरने से लगातार दूसरे दिन भी सभी ट्रेनें रद्द हो गईं।भारी बारिश के चलते सोलन की मांगल पंचायत में 22 बकरियां एक नाले में बह गईं, जिनमें से छह की मौत हो गई। रविवार को मनाली और लाहौल की चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। प्रदेश के कई इलाकों में बिना बिजली-पानी की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ आ गई, जिसमें आठ वाहन बह गए। आधी रात को कई लोगों को अपने वाहन निकालने पड़े।
सराज के तुंगधार नाले में भी बाढ़ आने से चार गाड़ियां बह गईं, आधा दर्जन घरों नुकसान पहुंचा। नरोली गांव के निकट एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। आधी रात को लोगों में अफरातफरी मच गई। उधर, बिलासपुर के बरठीं बाजार में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। ओगली, रामपुर, स्वांकैर, करसोग और सुन्नी सड़क यातायात के लिए बंद हो गई। बरशैणी में बारिश के चलते एक मकान को क्षति पहुंची। बंजार के 10 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
मंडी के सराज के तुंगधार में बाढ़ आने से चार गाड़ियां बह गईं और आधा दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है। जोगिंद्रनगर के पिपली-बढ़ोन सड़क पर शनिवार रात समकेतड़ नाले में बाढ़ से पुल बह गया, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया। बगस्याड़ में पहाड़ धंसने से एक मकान और दो गाड़ियां मलबे में दब गईं। जोगिंद्रनगर में सड़क पर पेड़ गिरने से मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे भी कुछ समय के लिए बाधित रहा।
बल्ह घाटी में करोड़ों रुपये की टमाटर की फसल तबाह हो गई। सुकेती खड्ड के किनारों से कई प्रवासियों की झोपड़ियां खाली करवाई गईं। मनाली-सरचू-लेह और मनाली-शिंकुला-कारगिल मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारु है। मनाली, लाहौल, रोहतांग, शिंकुला और बारालाचा दर्रे की ऊंची चोटियों में भी बर्फ के फाहे गिरे। हमीरपुर में धौलासिद्ध परियोजना के कार्य में लगे एक ठेकेदार की छह मशीनें पानी के बहाव में बह गईं।
सोलन के धर्मपुर के सिहारड़ी में चार लोगों के घर में भारी बारिश के चलते पानी घुस गया। फोरलेन पर पानी की निकासी सही न होने से लोग नाराज हैं। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर भी परवाणू से कुमारहट्टी के बीच कई जगह पत्थर और मलबा सड़क पर आने से यातायात वनवे रहा। जिले के दाड़लाघाट, कुनिहार, सुबाथू समेत अन्य जगहों में भी पेड़ गिरने से रास्ते बंद हुए। सिरमौर में भी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। नाहन-कुमारहट्टी और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे भी कुछ समय के लिए बंद रहा। शिलाई के गंगटोली में गाड़ी पर पत्थर गिरे।
उधर, रामपुर के अंतर्गत 15/20 क्षेत्र की सरपारा पंचायत में रातभर भारी बारिश के बाद सुग्गा नाले में बाढ़ आ गई। इससे लोगों की खेती योग्य कई बीघा जमीन बह गई है तो वहीं एक गोशाला के साथ ही ग्रीनको परियोजना की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। बाढ़ से गांव के लिए जाने वाली संपर्क सड़क भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई है।
हिमाचल में दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते लोक निर्माण विभाग ने फील्ड में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों की रविवार की छुट्टी रद्द कर दी गई है। उन्हें बंद पड़ीं सड़कों को बहाल करने की जिम्मेदारी दी गई है।