HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

----

डॉक्टरों की सरकार को दो टूक, NPA बंद करने का फैसला वापस नहीं लिया तो तेज होगा आंदोलन

By Sandhya Kashyap

Verified

Published on:

Follow Us

शिमला: प्रदेश में नए भर्ती होने वाले डाॅक्टरों को बंद किए (एनपीए) यानी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाऊंस को लेकर अब डाक्टर एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डाॅक्टरों की सभी एसोसिएशन एचएमओए, सैमडीकॉट व रैजीडैंट्स डाॅक्टरों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार को दो टूक कहा कि एनपीए का फैसला तुरन्त प्रभाव से वापस लिया जाए। शीघ्र ही अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। डाॅक्टरों ने इसको लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेज दिया है। जैसे ही इस पत्र का जवाब वापस आता है उसके बाद आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि जैसे ही बीते दिन वित्त विभाग के प्रधान सचिव मनीष गर्ग की ओर से नए भर्ती होने वाले डाॅक्टरों का एनपीए बंद करने की अधिसूचना जारी की गई तो डाॅक्टरों के बीच हलचल मच गई। डाॅक्टरों का मानना है कि एक तो दिन-रात अस्पतालों में डाॅक्टर कड़ी मेहनत कर मरीजों की जान बचाते हैं। उधर, सरकार उनके खिलाफ उलटा निर्णय ले रही है। इस निर्णय से डाॅक्टरों में काफी रोष है। जल्द ही सभी एसोसिएशन इसको लेकर हड़ताल भी करेगी। एनपीए डॉक्टरों को इसलिए दिया जाता रहा ताकि डाॅक्टर्स निजी प्रैक्टिस न कर सकें लेकिन अब डाॅक्टर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं या नहीं इसको लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आगामी दिनों में अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो अब डाॅक्टर निजी प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। 

हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन अध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा ने कहा कि नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों का एनपीए बंद करना काफी दुखद बात है। डाॅक्टरों के साथ इस तरह का अन्याय बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा। अस्पतालों में डाॅक्टर की हालत क्या होती है इसका पता उन्हीं डाॅक्टरों को होता है जो सुबह से शाम तक अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हैं। कई बार जब ओपीडी में भीड़ पड़ती है तो डाॅक्टर फिर भी सभी मरीजों का चैकअप कर ही जाता है। अभी जो सरकार के जवाब मांगा है उसका इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही जवाब आता है तो उसके बाद आगामी निर्णय लिया जाएगा।