दूध: यूरिया एक घातक केमिकल है जिसके कई गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं, इसे धड़ल्ले से दूध में मिलाया जा रहा है, मगर आप घर पर ही दूध में इनकी आसानी से जांच कर सकते हैं।
लगभग सभी घरों में रोजाना दूध की जरूरत पड़ती है। दूध का इस्तेमाल पीने के अलावा कई डेयरी उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। दूध सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरल पदार्थ है। भारत जैसे भारी जनसंख्या वाले देश में रोजाना दूध की भरपाई करना एक मुश्किल काम है। कभी आपने सोचा है कि कम उत्पादन और मांग ज्यादा होने के बावजूद सभी को दूध की आपूर्ति कैसे हो रही है?
इसकी एक बड़ी वजह दूध में मिलावट को माना जाता है। कम दूध में यूरिया, डिटर्जेंट, शुगर, साल्ट, फॉर्मेलिन जैस रसायन और चीजों को मिलाकर उसकी मात्रा बढ़ाई जाती है। दुर्भाग्यवश आम जनता को इस मिलावट का पता नहीं चलता है। इसका मतलब हुआ कि आप रोजाना जाने-अनजाने में मिलावटी दूध पी रहे हैं और अपने शरीर को भयंकर बीमारियों की तरफ धकेल रहे हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने बताया है कि आप अपने घर में दूध में यूरिया की जांच कैसे कर सकते हैं।
यूरिया एक कार्बनिक यौगिक है। इस रंग सफेद होता है और इसका इस्तेमाल फसलों के उत्पादन में किया जाता है। यह एक गंधहीन, जहरीला और बेस्वाद केमिकल है। इसे दूध में मिलाने से दूध का रंग नहीं बदलता है। इसे मिलाने से दूध गाढ़ा हो जाता है। हालांकि आप घर पर अपने दूध में इस जहरीले पदार्थ की जांच कर सकते हैं।
दूध में फैट की मात्रा बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस केमिकल के कई गंभीर नुकसान हैं। यह आपकी आंतों को खराब कर सकता है और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। ध्यान रहे कि मिलावटी दूध पीने से आपको किडनी डिजीज, दिल से जुड़े रोग, अंगों का खराब होना, कम दिखाई देना, कैंसर और यहां कि मौत भी हो सकती है।
दूध प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन ए का बढ़िया स्रोत है। रोजाना दूध पीने से दिल के रोग, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना कम होती है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करता है। मगर दूध में यूरिया जैसे केमिकल शामिल करने से इसकी ताकत खत्म हो जाती है।
- मेलामाइन– इससे किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं
- फॉर्मेलिन– इसे दूध की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इससे त्वचा की समस्याएं और कैंसर हो सकता है
- डिटर्जेंट– यह आंतों और गुर्दे की समस्याओं का कारण बन सकता है
- स्टार्च– यह दस्त का कारण बन सकता है।शरीर में ज्यादा स्टार्च जमा होने से डायबिटीज का खतरा होता है
- हाइड्रोजन पेरोक्साइड– यह पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है
- क टेस्ट ट्यूब में एक चम्मच दूध डालें
- इसमें आध चम्मच सोयाबीन या अरहर दाल का पाउडर डालें
- मिश्रण को अच्छी तरह मिक्स कर लें
- 5 मिनट बाद टेस्ट ट्यूब में लाल लिटमस पेपर डालें
- आधे मिनट का बाद पेपर को निकाल लें
- अगर लाल लिटमस पेपर का रंग चेंज हो गया है, यानी वो नीले रंग का हो गया तो समझ लें कि दूध में जहरीला यूरिया मिक्स है