धर्मशाला : देश की दूसरी राजभाषा संस्कृत की पढ़ाई अब तीसरी कक्षा से शुरू होगी। इस नए विषय को शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू कर दिया जाएगा। इस विषय को तीसरी कक्षा से शुरू किया जाएगा, जोकि अनिवार्य होगा। नए विषय को शिक्षा बोर्ड तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए एक ही किताब शुरू करेगा। इस दौरान एक ही किताब में अलग-अलग विषय होंगे, जिन्हें कक्षा के हिसाब से पढ़ाया जाएगा। इस विषय की अंतिम परीक्षा पांचवीं कक्षा में होगी, लेकिन तीसरी और चौथी कक्षा में इस विषय की मॉनीटरिंग को लेकर छात्रों के टेस्ट लिए जाएंगे।
तीसरी कक्षा के विद्यार्थी अब ‘सुधा’ से शिष्टाचार और संस्कृत का अक्षर ज्ञान हासिल करेंगे। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू होने वाली संस्कृत विषय की पुस्तक को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने तैयार कर प्रिंट करवा लिया है। किताब को विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाने के लिए बुक डिपो में भेज दिया गया है।
शीतकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में बोर्ड ने अन्य किताबों को भेज दिया है, जबकि संस्कृत विषय की किताब को अप्रैल माह में भेजा जाएगा। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2023-24 से संस्कृत विषय की पढ़ाई तीसरी कक्षा से शुरू करने जा रहा है। तीसरी कक्षा से शुरू होने वाली संस्कृत विषय की पुस्तक का नाम ‘सुधा’ रखा गया है।
पहला अध्याय शिष्टाचार का होगा, जिसमें स्कूली विद्यार्थी सीखेंगे कि संस्कृत में किसी व्यक्ति से कैसे मिलना है और किस प्रकार उससे बर्ताव करना है। दूसरा अध्याय परिचय होगा। इसमें छात्र-छात्राओं को संस्कृत भाषा में किस प्रकार से अपना परिचय रखना है, इसके बारे में बताया जाएगा। इन अध्यायों के पूरा होने के बाद बच्चों को अक्षर ज्ञान की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने तीसरा अध्याय तैयार किया है। अक्षर ज्ञान में विद्यार्थियों को चित्रों के माध्यम से भी समझाया जाएगा। इस किताब को स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रिंट करवा लिया है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2023-24 में तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू करेगा। इस विषय की पढ़ाई के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पाठ्यक्रम तैयार कर उसे किताब का रूप दे दिया है। इस किताब को बुक डिपो में भेज दिया है, जहां से विद्यार्थियों को यह किताब प्रदान की जाएगी।