शिमला : देश भर में पेयजल गुणवत्ता के मामले में अव्वल रहने पर प्रदेश सरकार को पुरस्कार मिला है। रविवार को गांधी जयंती के मौके पर हिमाचल सरकार को पुरस्कृत किया गया। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह पुरस्कार प्रदान किया। इस वर्ष भी नल कार्यशीलता के वृहद सर्वेक्षण के दौरान हिमाचल प्रदेश को पुन: पेयजल सेवा वितरण गुणवत्ता में देश भर में प्रथम आंका गया है। पिछले वर्ष भी इसी प्रकार के वृहद सर्वेक्षण में जल गुणवत्ता और नल कार्यशीलता में प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया था।
जल जीवन मिशन केे कार्यान्वयन में हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से लगातार भरपूर वित्तीय सहयोग मिल रहा है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने इस वर्ष प्रदेश को 1344.94 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार ने 30 सितंबर को 336.23 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त जारी कर दी है।
इसे मिलाकर केंद्र और राज्य सरकार अभी तक जल जीवन मिशन के लिए कुल 3820.61 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवा चुकी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य को तीन वर्षों के दौरान 1028.43 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी जारी की है।
जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मिशन के तहत हिमाचल के चार जिलों के 21 खंडों की 2551 पंचायतों के 15 हजार 300 गांवों के सभी घरों में नल लगाए जा चुके हैं। अभी तक प्रदेश में लगभग 96 प्रतिशत घरों को कार्यशील नल प्रदान किए जा चुके हैं।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि मिशन के तहत नल कनेक्शन लगाने के साथ-साथ प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में बड़ी पेयजल योजनाएं बनाई जा रही हैं तथा पुरानी योजनाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश की सभी 63 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से मान्यता दिलाई जा रही है।