राजगढ़ : सराहां उपमंडल की ग्राम पंचायत मानगढ़ पंचायत में रविवार शाम बादल फटने से बाद बडू साहिब परिसर में तबाही का मंजर देखने को मिला। जिसने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए। पुल टूट जाने से वहां किसी भी प्रकार की सहायता पहुँचाना नामुमकिन था । ऐसे में वहां पर बडू साहिब में किस प्रकार स्थिति को संभाला गया ये हमें बता रही है डॉ. मीनाक्षी गुप्ता जो एटरनल यूनिवर्सिटी बडू साहिब में डिप्टी लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत है ।
डॉ. मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि “मौसम तो शुक्रवार से ही बहुत ज्यादा ख़राब था । लगातार दो दिन से बारिश हो रही थी । रविवार शाम को तकरीबन 4:30 बजे के आसपास बारिश बहुत ज्यादा तेज हो गई थी । शाम के 6 बजते ही बारिश इतनी तेज हो गई कि बयान नही की जा सकती । अमूमन सितम्बर माह में इतनी बरसात देखने को नहीं मिलती । हम सभी घबरा तो पहले से ही रहे थे लेकिन शाम तक़रीबन 6.20 के करीब दो बार जोर का धमाका हुआ जो बादल फटने जैसा था । बारिश की रफ़्तार और तेज होती चली गई । तकरीबन 20 या 25 मिनट बाद बादल फटने के बाद की भयानक स्थिति रौंगटे खड़े कर देने वाली थी । पानी का बहाव इतना तेज था कि इस पानी के साथ बहुत बड़े – बड़े पेड़ एवं अन्य सामान बह कर आना शुरू हो गया । बादल फटने के कारण बडू साहिब के साथ लगती खड्ड का पानी इतना बढ़ गया कि यह पानी शैक्षणिक व् धार्मिक स्थल बडू साहिब में प्रवेश कर गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि सबसे पहले बडू साहिब की इमारत संगत बिल्डिंग में प्रवेश कर गया। संगत बिल्डिंग जहां तकरीबन 70 % स्टाफ इटरनल यूनिवर्सिटी का व बाकि स्टाफ अकाल एकेडमी का अपने अपने परिवारों सहित रहता हैं ।
क्यूंकि इस इमारत में दो रास्ते है एक तो इमारत की चौथी मंजिल एवं दूसरा रास्ता इमारत की पहली मंजिल दोनों ही जगहों से मटमैला पानी अंदर आ गया । सभी जगह-अफरा तफरी मच गई । लेकिन समय रहते सभी को आपसी मेलजोल से आई बी स्कूल परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया । ये मंजर देखते ही बन रहा रहा था । उस समय न्यू टीचर्स बिल्डिंग से हम केवल ये देख सकते थे कि कैसे देखते ही देखते दो पहिया, चौपहिया वाहन और बड़ी गाड़ियां पानी में कागज के जैसे तैरती हुई नजर आ रही थी ।
ये पानी पहले ओल्ड टीचर्स इमारत से होते हुआ संगत की रिहायश, लंगर हॉल और फिर देखते ही देखते ये अकाल अकादमी की मुख्य इमारत में प्रवेश कर गया।
हम, सब कुछ एक झटके में तहस-नहस होते हुए अपनी आँखों से देख रहे थे । लेकिन बडू साहिब प्रशासन ने सूझबूझ से सबसे पहले बिजली की सप्लाई रोकी ताकि कोई अनहोनी घटना न हो । चारो तरफ से बडू साहिब जलमगन हो चूका था ।
तक़रीबन 1 घंटे तक जब प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखा चुकी थी तब तक काफी कुछ बिखर चूका था लेकिन सभी को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण कर दिया गया था । कुछ लोगों को पकड़ कर पानी से बाहर निकाला गया । लेकिन ये कहावत भी हमने उस दिन चरितार्थ होते हुए देखी कि “जाको राखे साईंयां, मार सके न कोई” ।
बावजूद इसके तक़रीबन 2 घंटे बाद ही सभी के रहने और रात के खाने की व्यवस्था कर दी गई थी । इस बाढ़ की स्थिति के कारण एक दिन के लिए तो जनजीवन पूरी तरह से अव्यवस्थित रहा लेकिन बडू साहिब प्रशासन सभी के सहयोग से दिन रात कार्य को करने में प्रयासरत है । सड़कों से मलबा हटाने का काम अभी युद्ध स्तर पर जारी है।|सरकारी अफसरों ने भी मौके का मुआयना किया । फ़िलहाल सभी सुरक्षित हैं, रोजमर्रा का सामान व् बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई है । लेकिन मेरा ये निजी तौर पर मानना है कि बडू साहिब एक ऐसी धार्मिक जगह है, जहाँ दैवीय शक्ति हमेशा विद्यमान रहती है । यही वजह है कि इतना भयानक मंजर होने पर भी यहाँ कोई जानी नुकसान नहीं हुआ । ये घटना भी ऐसे समय हुई जब सभी जाग रहे थे अगर ये घटना रात के समय घटी होती तो मंजर कुछ और ही होता। यहाँ 24 घंटे पाठ होता है। हमे ये मानना पड़ेगा कि कोई चमत्कार तो है इस धरती पर नहीं तो इतने कम समय में इतने लोगों को सुरक्षित एक स्थान से दूसरें स्थान पर पहुंचना कोई चमत्कार से काम नहीं था ।
लेकिन बडू साहिब एडमिनिस्ट्रेशन, फैकल्टी, एवम स्टाफ के अलावा यहाँ पढ़ रही छात्राओं के साहस की भी जितनी तारीफ की जाए वह कम है । उन्होंने भी चरमराती व्यवस्था को ठीक करने में अपना पूरा सहयोग स्वयं आगे आ कर दिया । इटरनल यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के सिद्धांत “World Peace through Value based Education” को साक्षात् प्रमाणित करके दिखाया ।” ये उस समय से लेकर अब तक आँखों देखी घटना है | जिसे वहां पर मौजूद डॉ. मीनाक्षी गुप्ता ने देखा है । वो उस डर से गुजरी है और दूसरों को भी देखा है उस खौफनाक मंजर में ।