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स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संचालन प्रक्रिया सुनिश्चित करें अधिकारी : मनेश यादव

By Sandhya Kashyap

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चुनाव व्यय निगरानी सेल के प्रभारियों को नाहन में दिया गया प्रशिक्षण

नाहन : विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता की अनुपालना के दृष्टिगत आज सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में निर्वाचन विभाग की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में नाहन, पांवटा, शिलाई, पच्छाद और रेणुका विधानसभा क्षेत्रों के लिय नियुक्त 125 निर्वाचन व्यय निगरानी सेल प्रभारी एवं सहायक व्यय पर्यवेक्षक तथा 12 सैक्टर मैजिस्ट्रेट और 55 सैक्टर आफिसर उपस्थित रहे।  

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मनेश यादव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान धन के दुरूपयोग के कारण स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया बाधित न हो इस बात का गंभीरतापूर्वक ध्यान रखा जाए। चुनाव प्रक्रिया में धन के व्यय के लिए प्रत्येक प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं और चुनाव व्यय निगरानी सेल के प्रभारियों की जिम्मेवारी है कि इन दिशा निर्देशों का पालन करें।

तहसीलदार निर्वाचन वेद कुमार ने पी.पी.टी. के माध्यम से उपस्थित प्रभारी अधिकारियों को चुनाव के दौरान प्रत्याशियों तथा राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले व्यय तथा चुनाव प्रक्रिया के दौरान सैक्टर अधिकारियों के कार्यों सम्बन्धी मामलों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।

प्रशिक्षण के दौरान निर्वाचन विभाग की ओर से चुनाव व्यय निगरानी सेल के प्रभारियों से कहा गया कि चुनाव के दौरान धन के दुरूपयोग के कारण चुनाव प्रक्रिया बाधित न हो इस बात का गंभीरतापूर्वक ध्यान रखा जाए। निर्वाचन प्रक्रिया में धन के व्यय के लिए प्रत्येक प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं और चुनाव व्यय निगरानी सेल के प्रभारियों की जिम्मेवारी है कि इन दिशा निर्देशों का पालन करें।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि चुनाव लड़ रहा प्रत्याशी पब्लिक मीटिंग, रैलियां, झंडे, पोस्टर, बैनर, वाहनों आदि का संचालन कर सकता है और इस पर होने वाला व्यय वैध है, किन्तु इसके लिए अधिकतम सीमा निर्धारित है। चुनाव के दौरान शराब बांटना, धन आदि देकर मतदाता को प्रभावित करना, जैसे कृत्यों को अवैध व्यय की सूची में रखा गया है।

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विधानसभा चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी के लिए अधिकतम व्यय सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। 40 लाख रुपये से ज्यादा की धनराशि व्यय करने पर प्रत्याशी को डिस्क्वालिफाई किया जा सकता है। प्रत्याशी द्वारा मतदान खत्म होने के 30 दिन के अंदर अपने खर्चों का ब्योरा चुनाव विभाग को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसके अलावा चुनाव लड़ने वाला प्रत्येक प्रत्याशी अपने चुनाव संचालन के दौरान होने वाले व्यय के लिए अलग से बैंक में अपना एकाउंट खोलकर चुनाव खर्चे का हिसाब किताब रखे।

  चुनाव प्रचार के लिए पंजीकृत राजनीतिक दल अधिकतम 40 स्टार प्रचारक और गैर पंजीकृत दल 20 स्टार प्रचारक नियुक्त कर सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया जारी होने के सात दिनों के अंदर सभी राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन विभाग सौंपना अनिर्वाय है। चुनाव के दौरान छपने वाले बैनर, पोस्ट और हैंडबिल में प्रिंटिंग मशीन के मालिक और पब्लिशर का नाम-पता दर्ज होना अनिर्वाय है। चुनाव के दौरान विभिन्न प्रकार के प्रिंटिड और डिजिटल विज्ञापन केवल जिला एसीएमसी कमेटी द्वारा प्रमाणित होने पर ही प्रकाशित किए जा सकते हैं।

चुनाव व्यय निगरारी सेल के अधिकारी निरीक्षण के दौरान पाये जाने वाले अघोषित धन को सीज कर सकते हैं और धन के अवैध तरीके से लेनदेन पर नियम के अनुसार मामला दर्ज किया जा सकता है।