नाहन: जिला सिरमौर में मंगलवार को गुर्जर समुदाय ने अपने हकों को लेकर कालाअम्ब में एक महासम्मेलन किया। गुर्जर समाज कल्याण परिषद द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में हजारों की संख्या में गुर्जर समुदाय के महिलाओं पुरुषों ने भाग लिया। गुज्जर समुदाय के पदाधिकारियों ने गिरीपार को जनजातीय दर्जा देने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि गिरीपार क्षेत्र को जो जनजातीय का कोटा दिया गया है उसे गुर्जर समुदाय के कोटे से अलग रखा जाए। इसमें हम उसी पार्टी को समर्थन करेंगे जो हमारे हाथ में होगी। गुज्जर समाज कल्याण परिषद के सदस्यों ने कहा कि जिला सिरमौर में हिंदू व मुस्लिम गुर्जर समुदाय के दस हजार की आबादी के लोग हैं। जिन्हें आजादी के समय से जनजाति (एसटी) का दर्जा मिला हुआ है। गुर्जर समुदाय खानाबदोश जाति है जो अपने पशुओं के साथ जंगलों में जीवन में यापन करते है।
उधर गिरीपार क्षेत्र में सर्वण जाति के लोग हैं जो सुविधा संपन्न लोग हैं। इस समुदाय के लोग आईएएस, एचएस, खनन कारोबार से जुड़े हुए हैं इनके जनजाति होने से गुर्जर समुदाय के परंपरागत जीवन शैली बाधित होगी। जनजाति का आरक्षण व रिक्तियां वर्तमान में 7.5% है, जोकि वर्तमान ने 7.5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता। और चार लाख की आबादी इसी 7.5 प्रतिशत कोटा शामिल हो जाएगी। जिससे गुर्जर समुदाय के लोगों की रोटी बंट जाएगी और उनके अधिकारों का हनन होगा।
इस मौके पर गुर्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज गुर्जर, यशपाल, दीपचंद, अमित, मोहन, अनिल, मनोज, कुलदीप, मोहन, कुलवंत, गौरव आदि उपस्थित रहे।