अखण्ड भारत डेस्क : हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला के ट्रांसगिरी क्षेत्र को आखिरकार वह खुशखबरी मिल ही गई जिसका यहां के लोगों को पिछले पांच दशकों से इंतजार था। केंद्रीय कैबिनेट ने 4 राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों के साथ सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने के मामले को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद समूचे गिरीखण्ड क्षेत्र में खुशी की लहर है। समूचे एरिया में लोग एक दूसरे को मिठाइयां बांटकर खुशियों का इजहार कर रहे है।
गिरिखंड क्षेत्र के लोग लगभग 5 दशकों से क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का दर्जा करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे। लोगों की ज्वलंत मांग पूरी न होने पर दशकों लोगों में भारी आक्रोश भी नजर आ रहा था। और लोगों ने जनजातीय दर्जा न मिलने पर विधानसभा में चुनाव के दौरान वोट न डालने को लेकर आवाज बुलंद की थी। दरअसल सिरमौर जिले के साथ लगते उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र को केंद्र सरकार ने 1967 में जनजातीय क्षेत्र का दर्जा प्रदान किया था।
उसी तर्ज पर उसी समय से लेकर गिरीखण्ड के लोग जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे। मगर राज्य और केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैए के चलते 5 दशकों तक मांग फाइलों तक ही सीमित होकर रह गई थी। लेकिन प्रदेश में जयराम सरकार और शिलाई क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बलदेव सिंह तोमर के अथाह प्रयासों के चलते केंद्रीय कैबिनेट ने आखिरकार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने की मंजूरी देकर लोगों की मांग को विराम लगाया है।
उल्लेखनीय है कि जिला सिरमौर की पांच विधानसभाओं में से 4 विधानसभा क्षेत्रों के अधिकतर हिस्से जनजातीय क्षेत्र की परिधि में आते हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि भाजपा को इसका भरपूर लाभ मिल पाएगा। समूचे शिलाई विधानसभा क्षेत्र सहित विधानसभा श्री रेणुका जी के 90 फीसदी, विधानसभा क्षेत्र पच्छाद की 60 फीसदी और पांवटा साहिब की 30 फीसदी आबादी जनजातीय क्षेत्र की परिधि में रहती है। गिरिखंड क्षेत्र में रहने वाली लगभग 154 पंचायतों के तीन लाख से लोग जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने से लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद जनजातीय मामले मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंत्रालय के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर इस संबंध में सूचना सांझा की है। जबकि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में इसका खुलासा किया। अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कैबिनेट ने आज ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल के साथ-साथ छत्तीसगढ़ कर्नाटक तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है।
भले ही भाजपा प्रत्याशी बलदेव सिंह तोमर का राजनीतिक केरियर 15 वर्ष का रहा हो लेकिन गिरिखंड क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलाने के लिए किए गए अथाह प्रयासों को लेकर इतिहास बलदेव सिंह तोमर को युगपुरुष के नाम से अंकित करेगी ।