महिलाएं आचार, चटनी, साबुन, निरमा, सिलाई, कडाई,पत्तल से करेगी अतिरिक्त आय
रोनहाट (सिरमौर) :
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को सफल बनाने के लिए आईसीआरपी बबिता कोशल व गुरमीत कौर महिलाओं को जागरूक कर रही है! शिलाई ब्लाक की ग्राम पंचायत जरवा व पनोंग के लगभग 50 महिलामंडल सहित सेल्फहैल्फ़ ग्रुप को आजीविका कमाने के लिए जागरूक किया है जबकि ग्राम पंचायत डाहर व रास्त में लगभग 20 से अधिक ग्रुप बनाकर जागरूक कर रही है!
आईसीआरपी बबिता कोशल व गुरमीत कौर बताते है कि उनका लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है इसलिए महिला मंडलों व सेल्फहेल्फ ग्रुप का गठन पंचायत के सभी वार्डों में किया जा रहा है, ग्रुप से जुडी सभी महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है कि महिलाऐं केसे आत्मनिर्भर रहे, महिलाओं को सरकार से मिलने वाली स्कीमों के साथ साथ अपनी आजीविका का साधन एकदूसरे की सहायता करने केसे कमाना है इसकी पूर्ण जानकारीयां दी जा रही है
आजीविका-एनआरएलएम ने स्व-सहायता समूहों तथा संघीय संस्थानों के माध्यम से देश के 600 जिलों, 6000 प्रखंडों, 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और छह लाख गांवों के 7 करोड़ ग्रामीण गरीब परिवारों (बीपीएल) को दायरे में लेने व 8 से 10 साल की अवधि में उन्हें आजीविका के लिए आवश्यक साधन जुटाने में सहयोग देने का संकल्प लिया है, इसके अतिरिक्त गरीब जनता को अपने अधिकारों और जनसेवाओं का लाभ उठाने में तरह तरह के जोखिम उठाने में सशकितकरण के बेहतर सामाजिक संकेतकों को समझने में मदद मिलेगी।
आजीविका-एनआरएलएम के तहत गरीबों की सहज क्षमताओं का सदुपयोग हो और देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था में उनका योगदान हो, इसलिए सूचना, ज्ञान, कौशल, संसाधन, वित्त तथा सामूहिकीकरण से जुडकर क्षमताएं विकसित करना लक्ष्य है !