नाहन : नई पेंशन योजना न तो कर्मचारियों और न ही सरकार के लिए फायदेमंद है। इस योजना में सरकार का 14 प्रतिशत और कर्मचारियों का 10 प्रतिशत पैसा प्राइवेट कंपनियों के पास जमा हो रहा है। यह बात नाहन में प्रेसवार्ता में पुरानी पेंशन संघर्ष समिति के अध्यक्ष मायाराम शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार 8 अगस्त को होने वाली स्टैंडिंग कमेटी में ओपीएस को बहाल करे। यदि सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है तो प्रदेश के दो लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को ध्यान में रखकर ही अपना जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी, उस समय देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का एलान किया था। ऐसे में उनको भी चाहिए कि वह अपना वादा निभाएं। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर मात्र हजार, दो हजार रुपये मिल रहे हैं। इससे बिजली बिल भरना भी नामुमकिन है, पेट पालना तो दूर की बात है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल करती है तो वर्तमान सरकार को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अधिकतर कर्मचारी 2030 के बाद ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सरकार जो 14 प्रतिशत राशि के अरबों रुपये कर्मचारी को दे रही है, उसकी भी बचत होगी। नई पेंशन योजना में कटने वाला कर्मचारियों का अधिकतर पैसा प्राइवेट कंपनियों में निवेश किया जा रहा है।
जो किसी बड़े घोटाले का भी संकेत हो सकता है। इससे सीधे सीधे प्राइवेट कंपनी लाभान्वित हो रही है। सरकार को इस पर ध्यान देकर पुरानी पेंशन योजना बहाल कर देनी चाहिए। प्रदेश के कर्मचारी 10 साल से ओपीएस के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रेसवाता के दौरान अनिल तोमर, रामलाल, शिवचरण, बीना कंवर भी मौजूद रहीं।