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5 फ़ीट बर्फ पर पैदल चलकर 200 शिव भक्त शिवरात्रि मनाने पहुचे चूड़धार

By Kanwar Thakur

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नैनिका ठाकुर / हरिपुरधार :-

बुधवार देर रात को शिमला, सोलन व सिरमौर जिले से 200 से अधिक शिव भक्त शिवरात्रि मनाने चूड़धार पहुंचे। समुंद्र तल से 11885 फुट की ऊंचाई पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में इन दिनों चार से 5 फुट बर्फ जमी हुई है।हालांकि मंदिर के पास बर्फ पूरी तरह से साफ हो चुकी है मगर आस पास की चोटियों में अभी भी कई स्थानों पर 5 फुट से अधिक बर्फ जमी हुई है। नोहराधार से चूड़धार जाने वाले रास्ते पर तीसरी से लेकर चूड़धार तक 5 से 6 फुट बर्फ जमी हुई है। सराह चूड़धार रास्ते पर भी कई स्थानों पर लगभग 5 फुट बर्फ जमी हुई है।

5 फ़ीट बर्फ पर पैदल चलकर 200 शिव भक्त शिवरात्रि मनाने पहुचे चूड़धार

नोहराधार के रास्ते से करीब 100 से अधिक श्रद्धालु व इतने ही श्रद्धालु सराह, तराह व अन्य रास्तो से वुधवार देर रात तक चूड़धार पहुंचे। हालांकि 30 नवम्बर से 30 अप्रैल तक चूड़धार यात्रा पर प्रशासन की और से रोक लगाई गई है, मगर शिवरात्रि पर्व को मनाने के लिए 10 से 12 फुट बर्फ होने के वावजूद भी शिव भक्त चूड़धार पहुंच जाते है। यात्रा पर रोक होने के कारण इन दिनों चूड़धार में यात्रिओ के ठहरने व खाने पीने की कोई व्यवस्था नही है। वुधवार रात को चूड़धार पहुंचे 170 श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था स्वामी श्यामनन्द आश्रम में रहने वाले स्वामी कमलानन्द गिरी को करनी पड़ी। स्वामी कमलानन्द ने आश्रम में कुछ श्रद्धालुओं के ठहरने की भी व्यवस्था की मगर अधिकतर श्रद्धालुओं को गुफाओं व टेंट में रात गुजारनी पड़ी। वीरवार को शिव भक्त 12300 फुट की ऊँचाई पर स्थित शिवलिंग चोटी पर पहुचे। चोटी पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने शिवलिंग व शिव प्रतिमा की पूजा की।

चूड़धार न जाएं श्रद्धालु

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चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि चूड़धार में इन दिनों 5 से 7 फुट बर्फ जमी है। इसलिए चूड़धार यात्रा करना अभी जोखिमपूर्ण व काफी रिस्की है। उन्होंने बताया कि चूड़ेश्वर सेवा समिति की सराय व लंगर सेवा भी अभी बन्द है। वहां पर सभी ढाबे व दुकाने भी बंद है। जिसके कारण चूड़धार में खाने पीने व ठहरने की कोई भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से भी 30 अप्रेल तक यात्रा पर रोक लगाई गई है, इसलिए श्रद्धालु अभी चूड़धार जाने का रिस्क न ले।

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