नाहन : प्रदेश में निगम और बोर्डों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने 1999 की पेंशन अधिसूचना को बहाल करने की मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय परिसर में धरना दिया। प्रदेश कारपोरेट सेक्टर महासंघ के सिरमौर विंग के बैनर तले यह प्रदर्शन हुआ। महासंघ ने अपनी मांग को लेकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी पत्र भेजा। इसके जरिए हिमाचल सरकार को अधिसूचना बहाली का अपना वादा पूर करने के आदेश देने की मांग की गई।
निगम और बोर्डों से सेवानिवृत्त कर्मचारी बुधवार को उपायुक्त कार्यालय परिसर में एकत्रित हुए। उन्होंने दोपहर 12:00 बजे अपनी मांग को लेकर धरना दिया जो दोपहर 2:00 बजे तक जारी रहा। इस दौरान महासंघ से जुड़े कर्मियों ने उपायुक्त के जरिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
संघ के अध्यक्ष डीआर शर्मा, महासचिव शेरजंग शर्मा, बलबीर सिंह राणा, ज्ञानचंद चौधरी, टीकाराम शर्मा, अत्तर सिंह तोमर आदि ने ज्ञापन के जरिये प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बताया कि हिमाचल सरकार ने 1999 में पेंशन योजना की अधिसूचना जारी की थी। इसके अंतर्गत सभी कर्मचारियों को पेंशन लाभ प्राप्त करने के लिए यह विकल्प दिया गया था। इसके तहत 1999 से 2003 तक निगम एवं बोर्ड से सेवानिवृत्त करीब 1700 कर्मचारियों को सरकार पेंशन का लाभ दे रही है।
इस अधिसूचना को 2004 में कांग्रेस सरकार ने रद्द कर दिया। इसके बाद कारपोरेट सेक्टर से सेवानिवृत्त हुए 6730 कर्मचारी 1999 को जारी अधिसूचना के लाभ से वंचित रह गए। हैरानी की बात यह है कि 2004 से पहले लगे कर्मचारी जिन्होंने सरकार को पेंशन का विकल्प दिया था, उनको भी पेंशन से वंचित कर दिया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भाजपा ने 2007 और 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में इस अधिसूचना को बहाल करने का संकल्प लिया था जिसे आज तक बहाल नहीं किया। इससे भारी रोष है। उन्होंने हिमाचल सरकार को अपना वादा पूरा करते हुए 1999 की पेंशन अधिसूचना को बहाल करने के आदेश देने की अपील की।