शिमला : किसानों ने अपने खेतों का उचित प्रबंधन नहीं किया तो गेहूं और धान की फसल भारी बारिश से तबाह हो सकती है। बरसात को लेकर सरकार ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि किसान खेतों में बरसाती पानी के निकासी की समय पर उचित व्यवस्था कर लें, जिससे फसली नुकसान से बचा जा सके।
प्रदेश में अभी तक हुई बारिश को मक्की और धान की फसल के लिए लाभकारी माना जा रहा है। लंबे समय तक बारी मात्रा में बारिश होती है तो इससे खेतों में पानी जमा होने की समस्या खड़ी हो जाएगी। ऐसी स्थिति में मक्की और धान की फसल पर विपरीत असर पड़ सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को समय रहते खेतों में उचित कदम उठाने की सलाह दी है। किसानों से मैदानी इलाकों और पहाड़ों में सीढ़ीनुमा खेतों में बरसात के पानी की सही निकासी व्यवस्था करने को कहा है। अगर खेतों में बरसात का पानी की सही तरीके से निकासी नहीं होती है तो फसलें खराब होने के साथ ही खेतों को भी नुकसान हो सकता है।
कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर भारी बरसात के साथ तेज हवा भी चलती है तो इससे मक्की और धान की मसल को ज्यादा नुकसान हो सकता है। इससे मक्की की फसल भी खराब होने की आशंका रहेगी।
राज्य के कृषि निदेशक नरेश कुमार धीमान कहते हैं कि किसानों को एडवाइजरी जारी कर दी है कि भारी बरसात की आशंका को देखते हुए किसान पहले ही अपने खेतों में बरसात के पानी की उचित निकासी व्यवस्था समय रहते कर लें। अगर किसान इस दिशा में लापरवाही करते हैं तो उनको मक्की और धान की फसल को नुकसान हो सकता है।