स्वरोजगार के लिए 39 लाख का ऋण लेकर 8 युवाओं को दे रहीं रोजगार
नाहन : प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाकर उन्हें स्वरोजगार अपनाने के प्रति प्रेरित करने के साथ-साथ उनका कौशल विकास करने तथा स्वावलंबी बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना क्रियान्वित की जा रही है।
प्रदेश के ऐसे अनेको युवा हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर नौकरी के बजाय स्वरोजगार को तरजीह दी और अपना कारोबार आरम्भ कर समाज में स्वाभिमान के साथ जीवन यापन करने के अतिरिक्त अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार दे रहे है।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की लाभार्थी डा0 रोहिणी शर्मा, पत्नी डा0 विरेन्द्र भारद्वाज, जोकि जिला सिरमौर के पच्छाद विकास खण्ड के गांव मानगढ की निवासी हैं, ने आयुर्वेदिक फार्मेसी में पी.एच.डी तक शिक्षा ग्रहण की है। वह बताती हैं कि उन्होंने वर्ष 2011 से 2020 तक निजी क्षेत्र में कार्य किया और साल दर साल उनका मासिक वेतन भी बढ़ता गया। इस दौरान जनवरी 2021 में उन्हें 47 हजार रूपये अन्तिम वेतन के रूप में मिल रहा था जिससे वह संतुष्ट नहीं थी। उनके मन में दुसरे के पास नौकरी न कर अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छा थी। वह स्वयं अपना व्यवसाय कर स्वाभिमान के साथ जीवन जीना चाहती थी तथा महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनना चाहती थी।
डा0 रोहिणी ने फरवरी 2021 में जिला उद्योग केन्द्र नाहन में सम्पर्क किया तथा स्वरोजगार संचालन के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर 39 लाख रूपये की कार्य योजना स्वीकृत करवाई जिस पर उन्हें 8 लाख रूपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ। डा0 रोहिणी शर्मा को आयुर्वेद के महत्व की जानकारी थी और उच्च शिक्षा के साथ-साथ अनुभव की बदौलत उन्होंने पांवटा सहिब के समीप सुरजपुर में रोहिणी बायोकेयर रिसर्च नाम से अपनी कम्पनी आरम्भ की जिसके लिए 25 हजार रूपये मासिक किराये पर एक भवन 9 साल की लीज पर लिया गया।
डा0 रोहिणी बताती है कि उनके द्वारा निर्मित सारे उत्पाद पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक हैं जिनमें मुख्यतः लीवर, पत्थरी, कफ सिरप, जोड़ों की दवा, प्लैटलेटस सुधार दवा, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की दवा के अतिरिक्त कैप्सूल, पाउडर तथा त्वचा देखभाल सबंधी उत्पाद निर्मित किये जा रहे हैं। उन्होंने 8 बेरोजगारों को रोजगार दिया है जिसमें 5 महिलाएं तथा 3 पुरुष कर्मी शामिल हैं। डा0 रोहिणी बताती हैं कि उनके उत्पाद ऑनलाइन के अतिरिक्त, हिमाचल, केरल, सिक्किम तथा उत्तर भारत में भी विक्रय हो रहे हैं जिससे उन्हें 1 लाख 25 हजार रूपये की मासिक आमदनी हो रही है।
डा0 रोहिणी अपने कारोबार से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं जिसके लिए वह प्रदेश सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त करती हैं।