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करीबियों को झटका: धूमल को तवज्जो देने की बातें होती रहीं

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राजनीतिक पंडितों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श के बाद नड्डा-जयराम की जुगलबंदी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं, धूमल के दो करीबी पूर्व मंत्रियों के अपने हलकों से विधानसभा में जाने के द्वार बंद हो सकते हैं।

हिमाचल डेस्क: चुनाव से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को तवज्जो देने की बातें होती रहीं, मगर बुधवार को उनके करीबियों को झटका दे दिया गया है। दोनों निर्दलीय विधायकों का आगामी चुनाव में कोई किंतु-परंतु न रहे, इसलिए ठीक वक्त पर इन्हें भाजपा का बना दिया गया। राजनीतिक पंडितों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श के बाद नड्डा-जयराम की जुगलबंदी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। इससे धूमल के दो करीबी पूर्व मंत्रियों के अपने हलकों से विधानसभा में जाने के द्वार बंद हो सकते हैं।  पिछले चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ही भाजपा से मुख्यमंत्री का अगला चेहरा थे, मगर हाईकमान ने ऐन वक्त पर उनका हलका हमीरपुर से बदलकर सुजानपुर बदल दिया। धूमल के बडे़ विरोधी तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पहले से ही बिसात बिछा रखी थी। धूमल के कभी करीबी राजेंद्र राणा रण में उतारकर उनके खिलाफ बूमरैंग बनाया गया।

भाजपा को रिकॉर्ड जीत मिली, पर धूमल अपना चुनाव हार गए और पीएम नरेंद्र मोदी के पसंदीदा जयराम ठाकुर सीएम बन गए। पिछले चार साल से धूमल खेमे को सरकार और संगठन में विशेष तरजीह नहीं मिलने पर चर्चा उठती रही है। उपचुनाव में धूमल तटस्थ रखे गए। उत्साहित भाजपा चारों सीटें हारी तो यह किसी बड़े सदमे से कम नहीं था। इस हार पर सरकार-संगठन बदली रणनीति में नजर आए। धूमल को अहमियत दिए बगैर पूरी नैया पार नहीं लगने की आशंका उजागर हुई। सीएम जयराम खुद धूमल की पचासवीं सालगिरह पर उनका आशीर्वाद लेने हमीरपुर पहुंचे। कोर ग्रुप और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक धूमल के घर के निकट हमीरपुर में ही हुई। हालांकि, पहले दिन बंद कमरे में हुई कोर ग्रुप की औपचारिक बैठक के बाद धूमल-अनुराग के निकल जाने के बाद उनकी गैर हाजिरी में कोर ग्रुप के अन्य सदस्य आधी रात तक बैठक करते रहे तो पहेलियां बूझती रही कि अंदर क्या पका होगा। बुधवार को धूमल के करीबी पूर्व मंत्रियों को हराने वाले दोनों निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल करवा लिए गए। पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर धूमल के समधी हैं तो रविंद्र सिंह रवि उनके बेहद करीबी रहे हैं।

धर्मशाला आकर अपनी बात रखूंगे रवि, मैं टिकट के लिए भाजपा में शामिल नहीं हुआ: होशियार 

 देहरा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रविंद्र रवि ने कहा कि वह अभी इस बदलाव पर कुछ भी नहीं कहेंगे। धर्मशाला आकर ही अपनी बात रखूंगा, विधायक होशियार सिंह ने कहा कि मैं टिकट के लिए भाजपा में शामिल नहीं हुआ हूं। टिकट जिसे भी मिलेगी, मुझे मंजूर होगा। मुझे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष में रहते हुए भी पक्ष में बिठाया। देहरा के साथ भेदभाव नहीं किया। मेरा मुख्यमंत्री और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने देहरा के विकास में सहयोग किया इसलिए मैं पार्टी में शामिल हुआ।