चार महीने पहले दुर्घटना के शिकार हुए थे सेनिक टीका राम, रैफरल एवं रिसर्च अस्पताल दिल्ली मे ली अंतिम साँसे, परिवार सहित पूरे क्षेत्र मे शोक की लहर
शिलाई: सड़क हादसे में घायल सैनिक टीका राम के मौत से जंग हारने के बाद मंगलवार को उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सैनिक टीका राम ने 6 जून को आर० आर० अस्पताल (रैफरल एवं रिसर्च) दिल्ली में आखिरी सांस ली थी। सैनिक टीका राम 26 पंजाब रेजिमेंट के अतंर्गत पठानकोट में तैनात थे और अपनी यूनिट से जनवरी में नवजात बेटी रघुवंशी एवं पत्नी रवीना से मिलने के लिए छुट्टी लेकर घर आए थे।
दुर्भाग्यवश 10 फरवरी को पांवटा सहिब में वाहन दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गए। तब उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सेन्य अस्पताल दिल्ली ले जाया गया। लेकिन भारतीय सेना का यह बहादुर जवान वापस घर नहीं पहुंचा। पिता लायक राम, माता गुलाबी देबी, पत्नी रवीना एवं नवजात रघुवंशी, भाई जवाहर व दिनेश दिन रात अपने चहेते टीका राम के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते रहे और पलके बिछाए अपने लाडले के घर आने की राह देखते रहे। लेकिन भाग्य को कुछ ओर ही मंजूर था। चार माह के संघर्ष के बाद दुर्घटना से चोटिल सैनिक टीका राम सेन्य अस्पताल दिल्ली में जिंदगी से आखिरी जंग हार गए।
बीती देर रात टीका राम के पार्थिव देह को लेकर काफिला गांव पहुंचा, सभी लोग दुःखद व हृदयविदारक घटना से गमगीन थे। प्रातः सैनिक टीका राम की पार्थिव देह को पूरे सैन्य सम्मान के साथ मुखाग्नि प्रदान की गई ओर भारत माता की माटी का लाल सदा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गया। सेन्य टुकड़ी ने सैनिक टीका राम को आखिरी सलामी दी।
सलामी के दौरान 26 पंजाब रेजीमेंट से 2 जेसीओ और 4 जवान तथा 1 पैरा रेजीमेंट से 1 जेसीओ व 3 जवान तथा एसएचओ शिलाई मस्त राम ठाकुर तथा 2 जवान शामिल हुए। घर-परिवार, रिश्तेदारों, लोगों के अलावा भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा, शिलाई की ओर से नारायण बिरसांटा, विक्रम चौहान, जीवन चौहान, पुरन नेगी, रण सिंह ठाकुर, बिट्टू नेगी, होशियार सिंह, मोहन चौहान, दिनेश ठाकुर, बहादुर सिंह, रमेश भंडारी, राजेन्द्र तोमर, दीपू ठुंडू, रण सिंह, गुरदीप सिंह, दीप चंद मौजूद रहे।