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बाहरा विश्वविद्यालय में मनाया 74वाँ संविधान दिवस

By Sandhya Kashyap

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Summary

सोलन  : बाहरा विश्वविद्यालय के विधि विभाग ने संविधान निर्माता डाक्टर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर जी को याद करते हुए 74वाँ संविधान दिवस मनाया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता भक्ति प्रसाद शर्मा माननीय उच्च न्यायलय हिमाचल प्रदेश उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यअतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता भक्ति प्रसाद ...

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सोलन  : बाहरा विश्वविद्यालय के विधि विभाग ने संविधान निर्माता डाक्टर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर जी को याद करते हुए 74वाँ संविधान दिवस मनाया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता भक्ति प्रसाद शर्मा माननीय उच्च न्यायलय हिमाचल प्रदेश उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यअतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता भक्ति प्रसाद शर्मा, कुलपति प्रो विजय कुमार शर्मा और विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर मन्दीप वर्मा के द्वारा दीप प्रज्वालित कर किया गया। 

कार्यक्रम में विभिन प्रकार की प्रतियोगिता जैसे पोस्टर मेकिंग, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, डिबेट, नारा लेखन प्रत्योगिता और नाटक का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता भक्ति प्रसाद शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा की संविधान केवल एक वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन का एक माध्यम है, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की ये पंक्ति संविधान की परिभाषा को दर्शाती है।बिना संविधान के आजाद भारत में जीवन की कल्पना करना असंभव है। जब-जब देश घने अंधेरे से गुजरा संविधान ने मंजिल की रोशनी दिखाई। सदियों से गुलामी की बेड़ियों से निकलने के बाद टूटे देश को संविधान ने एक संबल दिया। वहीं इसमें दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं। साथ ही इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिलाते हैं।

कुलपति प्रो विजय कुमार शर्मा ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद किया और अपने वक्तव्य में कहा की हमारा संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान के मिश्रण से बना है। इसे तैयार करने में करीब 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था।संविधान सभा ने संविधान को 26 नवंबर 1946 को विधिवत रूप से अपनाया था। वहीं 26 जनवरी 1950 को इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया था। संविधान के महत्व व इतिहास के प्रति लोगों को जागरूक करने व संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस को हम सब लोग इसे मनाते हैं। भारतीय समाज के निर्माता व समाज सुधारक बाबा साहब भीमराव  बाबा साहब को याद करते हुए उन्होंने कहा की बाबा साहब ने ना केवल देश से छुआछूत मिटाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि अपना पूरा जीवन गरीबों को समर्पित कर दिया। गरीबों को उनका हक दिलाने व समाज में उनके प्रताड़ित होने पर आवाज उठाने में बाबा साहब का अहम योगदान रहा।

कार्यक्रम में बाहरा विश्वविद्यालय के डीन अकेडमिक्स प्रो मार्कण्डे, विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डा मन्दीप वर्मा, सह आचार्य डाक्टर रचिता ठाकुर, डाक्टर अदिति डडवाल, सहायक आचार्य उमेश कुमार, ज्ञान चंद, राशी सूद , राम लाल, लाल दास, रिटा, पूनम, मीनाक्षी और सभी छात्र- छात्राऐं उपस्थित रहे।

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