पांवटा साहिब : दूरदराज अम्बोया क्षेत्र का 70 वर्षीय किसान प्रेरणा का स्त्रोत बना हुआ है। किसान प्रकाश शर्मा ने आधुनिक तकनीक से लगभग 80 बीघा बंजर भूमि पर अमरूद का बगीचा और नगदी फसलों से खेत तैयार किए है। हालांकि अमरूद का बगीचा से अभी फल प्राप्त नहीं हो रहे हैं मगर प्रगतिशील के किसान खेतों से अच्छा पैसा कमा कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है।
आंजभोज क्षेत्र के अमरोहा में बागवानी कर रहे 70 वर्षीय प्रकाश शर्मा ऐसे लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं जो 60 की उम्र पार करते ही सोचते हैं कि अब उनका वक्त नहीं रहा। यह तस्वीरें बंजर भूमि से सोना उगाने का जीवंत उदाहरण है। प्रकाश शर्मा उन बेरोजगार युवाओं के लिए भी प्रेरणा के स्रोत हैं जो बेरोजगारी का रोना रोते हैं और कहते है कि हमें काम नहीं मिल रहा है । प्रकाश शर्मा 70 की उम्र में साढ़े पांच बीघे में अमरूद के बगीचे सहित सब्जियों की बंपर खेती कर रहे हैं और साग सब्जी से ही तीस हजार रुपया कमा रहे हैं। ताकि बगीचा सफल होने तक उनका शुरुआती समय मे खर्चा चल सके ।
दरअसल प्रकाश शर्मा ने 2019 मे यूट्यूब के माध्यम से बागवानी और नगदी सब्जियों वाले प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया और बंजर खेतों में आधुनिक तकनीकी से उन्नत किस्म के अमरूद और नगदी फसल सब्जियों की खेती शुरू की है। उम्र के इस पड़ाव में प्रकाश रोजाना 8 से 10 किलोमीटर पैदल चलकर आते है और उसके बाद अपनी खेती बाड़ी का कार्य शुरू करते हैं ।
प्रकाश शर्मा के बगीचे और खेती बाड़ी की खास बात यह है कि उन्होंने इसमें रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया है। अपने खेतों में तैयार जैविक व प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल कर रहे है। घरेलू खाद का इस्तेमाल करके अमरूद का बगीचा और सब्जियां उगाने का यह प्रयास आधुनिक युग में प्रदेश के किसानों के लिए प्रेरणा हैं। प्राकृतिक खेती के तर्ज पर मसलन गोबर, नीम के पत्ते और दूसरी सामग्री से बनी खाद का प्रयोग कर रहे हैं। पौधों को पानी देने के लिए उन्होंने ड्रिप सिस्टम लगाया है। आलम यह है कि वह आज शुरुआत में ही 25 से 50 हजार कमाई कर रहे हैं। बेरोजगार युवाओं के लिए प्रकाश शर्मा प्रेरणा के स्रोत हैं ।
प्रकाश शर्मा का यह कार्य अनवरत जारी है। जो युवा किसान, प्राकृतिक खेती से जोड़ने का सपना देखते हैं और इस कोशिश में लगे हैं। उनके लिए प्रकाश शर्मा मिसाल बनकर उभरे है।
प्रकाश शर्मा बताते हैं कि उन्होंने 2019 में अपने गाँव अम्बोया तहसील पांवटा साहिब में साढ़े पांच बीघा जमीन पर सबसे पहले 650 अमरूद के पौधे रोपे थे। अच्छी देख-रेख और बढ़िया खाद से अमरूद के पौधों में अच्छी बढ़त देखने को मिल रही है। प्रकाश शर्मा प्राकृतिक खेतीबाड़ी से उत्साहित हुए और बगीचे की देखभाल में अपना समय व्यतीत कर रहे है। प्रकाश शर्मा चाहते हैं कि हर युवा पीढ़ी आधुनिक और ऑर्गेनिक खेती को अपनाकर जीवन में आगे बढ़े स्वरोजगार के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं।
प्रकाश शर्मा को देखकर अब गांव के लगभग 12 परिवारों ने अमरूद का बगीचा लगाने की मन बनाया है और ग्रामीण लगभग 80 बीघा बंजर भूमि पर कार्य कर रहे। प्रकाश शर्मा से प्रेरणा लेकर ग्रामीण आर्गेनिक खेती की तरफ अग्रसर हो रहे है। और 80 बीघा बंजर भूमि को उपजाऊ बना दिया गया है। ग्रामीणों ने मन में ठाना है कि अब ग्रामीण 500 बीघा बंजर भूमि पर प्रकाश शर्मा की तर्ज पर कार्य करने वाले है। इसके लिए ग्रामीणों ने गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर निजी पेयजल सोर्स से एक लाख रुपए में सिंचाई का पानी खरीदा है और ड्रीपिंग सिस्टम के माध्यम से बंजर जमीन पर लाखों का कारोबार कर रहे है।
प्रकाश शर्मा सहित अन्य अमरोहा निवासियों के किसानों और बागवानों ने प्रदेश सहित समूचे देश को बड़ा संदेश दिया कि देश में ऑर्गेनिक खेतों करना इसलिए जरूरी है क्योंकि अंग्रेजी खाद से लोगों के घरों में भोजन के माध्यम से जगह पहुंच रहा है। देश में हार्ट अटैक, कैंसर सहित दर्जनों जानलेवा बीमारियां फैल रही है। यदि देश को लाइलाज बीमारियों से बचाना है और देश में बेरोजगारों को स्वरोजगार चाहिए तो ऑर्गेनिक खेती की तरफ तुरंत बढ़ना होगा।